नई दिल्ली/पटना। एक तरफ झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम के विधायक हैदराबाद से रांची लौटे तो दूसरी तरफ बिहार के कांग्रेस विधायक हैदराबाद भेज दिए गए। बिहार में नीतीश कुमार की बनी नई सरकार के बहुमत साबित करने से पहले चल रही उठापटक के बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों को खरीद फरोख्त की आशंका के चलते हैदराबाद भेज दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक अब सीधे 11 फरवरी को लौटेंगे। गौरतलब है कि नीतीश कुमार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के एक सचिव के साथ दो अन्य नेताओं की देख-रेख में कांग्रेस के 16 विधायकों को हैदराबाद ले जाया गया है। बाकी तीन विधायक भी हैदराबाद जाएंगे। इससे पहले कांग्रेस की बैठक दिल्ली में शनिवार की शाम हुई थी। इसमें बिहार कांग्रेस के सभी 19 विधायक मौजूद थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी विधायकों की इस बैठक में शामिल हुए थे।
जानकार सूत्रों का कहना है कि नीतीश सरकार के बहुमत साबित करने से पहले राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद सत्तारूढ़ गठबंधन में तोड़-फोड़ के प्रयास में लगे हैं। उन्होंने जीतन राम मांझी को उप मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया है तो साथ ही बताया जा रहा है कि जदयू के पांच और भाजपा के तीन विधायकों को बहुमत परीक्षण से गैरहाजिर करने की योजना पर काम चल रही है। तभी दूसरी ओर कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश होने की खबर है। ध्यान रहे राज्य में नीतीश सरकार के पास 128 विधायकों का बहुमत है, जिसमें चार विधायक मांझी के हैं और एक निर्दलीय हैं। दूसरी ओर विपक्ष के पास 115 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 122 का है।