मुंबई। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने एक बार फिर साफ किया है कि लोकसभा चुनाव की तरह ही महाविकास अघाड़ी की तीनों पार्टियां साथ मिल कर विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। राज्य की एनडीए सरकार के दो साल पूरा होने के मौके पर पवार ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस बार के चुनाव में एनडीए की सरकार हार कर सत्ता से बाहर होगी। उन्होंने बजट में एकनाथ शिंदे सरकार की ओर से की बड़ी बड़ी घोषणाओं को खाली जेब बाजार जाने जैसा बताया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं।
बहरहाल, रविवार को शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस, शिव सेना का उद्धव ठाकरे गुट और उनकी पार्टी मिलकर इस साल अक्टूबर में होने वाला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में प्रमुख विपक्षी दलों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे राज्य विधानसभा चुनावों में छोटे सहयोगियों के हितों की रक्षा करें, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन का हिस्सा थे। इसका मतलब है कि जिन छोटी पार्टियों को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दी गई थी उनको विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें मिल सकती हैं।
मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर पवार ने कहा- विपक्ष महाराष्ट्र के लोगों के सामने एक सामूहिक चेहरा रखेगा। राज्य में बदलाव की जरूरत है और इसे पूरा करना विपक्षी गठबंधन की नैतिक जिम्मेदारी है। शरद पवार ने आगे कहा- महाभारत में अर्जुन का लक्ष्य मछली की आंख थी, इसलिए हमारी नजरें महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों पर टिकी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू नहीं हुई है, लेकिन जल्दी ही शुरू होगी।
शरद पवार ने अन्य छोटी पार्टियों को हिस्सेदारी देने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में लोगों ने तीनों ही पार्टियों को अच्छा रिस्पॉन्स दिया है। लेकिन इन तीन पार्टियों की तरह वामपंथी दल, किसान और श्रमिक पार्टी भी गठबंधन का हिस्सा थे, लेकिन हम उन्हें लोकसभा में सीटें नहीं दे सके। इन पार्टियों के हितों की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। विधानसभा चुनाव में इन पार्टियों के साथ आगे बढ़ने का प्रयास किया जाएगा।