सरपंच नीरु यादव ग्राम विकास एवं महिला सशक्तिकरण की मिसाल

सरपंच नीरु यादव ग्राम विकास एवं महिला सशक्तिकरण की मिसाल

जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं (Jhunjhunu) जिले की बुहाना तहसील (Buhana tehsil) के लाम्बी अहीर गांव की सरपंच नीरु यादव (Sarpanch Neeru Yadav) अपने गांव के विकास एवं महिला शिक्षा एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नवाचार कर ग्राम विकास एवं महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की मिसाल बन गई और गांव में उन्हें हॉकी वाली सरपंच कहा जाने लगा है।

बीएससी, एम.एससी (गणित), बी.एड, एम.एड शिक्षा प्राप्त एवं महिलाओं के उत्थान का सपना लिए श्रीमती नीरु यादव अक्टूबर 2020 में पहली बार सरपंच बनते ही गांव के विकास एवं महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर नवाचार एवं अपने प्रयास शुरु कर दिए और और आज उनके प्रयास 25 ग्राम पंचायतों के ब्लॉक में अन्य कई महिला सरपंच भी इनके नवाचार से प्रभावित होकर अपने गांव के विकास में जुटी हुई है।

श्रीमती यादव ने बताया कि उन्होंने शुरु में दस लड़कियों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जयपुर से प्रशिक्षण कराया और इसके बाद उन्हें जयपुर में ही नौकरी मिल गई। पन्द्रह-बीस लड़कियों का दूसरा बैच भी तैयार किया जा रहा है और इनको भी प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा ताकि ये अपने पैरों पर खड़ी हो सके। उन्होंने बताया कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने अपने गांव में महिला हॉकी टीम बनाई। उन्होंने दो वर्ष के अपने मानदेय का त्याग कर महिला हॉकी टीम तैयार की हैं और इसके लिए हॉकी का मैदान तैयार करने, हॉकी किट, यूनिफार्म और एक हॉकी कोच की व्यवस्था भी की।

महिला हॉकी टीम के विविध जिलों और राज्यस्तरीय हॉकी प्रतियोगिताओं में अपनी पहुंच बना लेने से अब गांव में लड़कियों में जीवन में उच्च लक्ष्य हांसिल करने की प्रेरणा जागृत होने लगी है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य देश की सेवा के लिए महिला हॉकी टीम को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि गांव में खासकर लड़कियों में खेल की तरफ रुझान बढ़े और उनमें खेल भावना जगे और वे खेल से जुड़े और आगे बढ़े, इसी मकसद से उनका यह नवाचार आज सफल होने लगा है और श्रीमती नीरु यादव को उनके गांव के लोग ही नहीं, आस पास के गांवों के लोग भी हॉकी वाली सरपंच कहने लगे है।

इस महिला सरपंच ने हाल में पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपने गांव में ‘कचरा मुक्त विवाह समारोह’ नामक एक अनूठा अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत श्रीमती यादव ने गांव में में बर्तन बैंक खोला है और इसके माध्यम से किसी भी विवाह समारोह में खाना पकाने और परोसने के लिए मुफ्त में स्टील के बर्तन मुहैया कराती है।

इसके अलावा, उनके साथ योगदान दे रही सवयंसेविका महिलाएं खाद्य अपशिष्ट को एकत्र कर इसे खाद में परिवर्तित करती है और बाद में इस खाद को किसानों को निःशुल्क बाँट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इससे गाँव को स्वच्छ रखने, खाने की बर्बादी को रोकने, डिस्पोजल-प्लास्टिक-बोतलों से फ़ैल रहे ज़हरीले कचरे को कम करने और कचरे को रिसाइकिल करके प्राकृतिक संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने का मकसद पूरा होने लगा है। उन्होंने कहा कि इससे गांव में लोगों में मेलमिलाप एवं भाईचारा भी बढ़ने लगा है। उन्होंने बताया कि इसी तरह उन्होंने कीचड़ मुक्त गांव बनाने के प्रयास के तहत गांव में कई छोटी-छोटी कुइंयों का निर्माण कराया ताकि घरों का पानी गांव की नालियों एवं गलियों में नहीं फैले और गांव साफ सुथरा रहे।

लांबी अहीर गांव में सामाजिक परिवर्तन के प्रति श्रीमती नीरु यादव के समर्पण एवं नवाचारों के मद्देनजर हाल में नाबार्ड ने उन्हें किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के बोर्ड की अध्यक्ष बनाया है। नाबार्ड ने भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान की सोसायटी के परामर्श से झुंझुनूं में अपना 15वां किसान उत्पादक संगठन शुरू किया है। श्रीमती यादव के नेतृत्व में इस एफपीओ के माध्यम से गांव के किसानों और अन्य व्यवसायिओं को एफपीओ के लाभ का सीधा फ़ायदा पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि अब तक 300 किसानों को जोड़ा जा चुका है और इसके माध्यम से अच्छे किस्म के बीज एवं खाद किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद किसानों की पैदावार को वहीं खरीद कर उनकी उपज का सीधा फायदा पहुंचाना है।

भूगोल में पीएचडी कर रही श्रीमती यादव लाम्बी अहीर गांव में महिला शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए राजस्थान सरकार ने गत वर्ष ‘शिक्षाश्री’ अवार्ड से भी सम्मानित किया है। सरपंच ने अपनी आय से सात लाख से ऊपर खर्च कर गांव में सरकारी स्कूल का जीर्णोद्धार भी कराया है।

सरपंच ने बताया कि उनके पति अशोक यादव ने भी गाँव के विकास एवं महिला सशक्तिकरण के लिए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उनके ब्लाक में 25 पंचायते हैं और उनमें 14 महिलाएं सरपंच हैं। उन्होंने बताया कि कुछ महिलाओं के पति एवं अन्य लोग उनकी मदद के लिए उनके साथ आते हैं लेकिन जब बैठक आदि में उन्हें साथ नहीं लाने एवं खुद ही आगे रहने के लिए अन्य महिला सरपंचों को वह प्रेरित करती रहती है। उन्होंने बताया कि उनके नवाचार से अन्य कई ग्राम पंचायतों के सरपंच भी काफी प्रभावित हो रहे है और खेतड़ी तहसील की बीलवा ग्राम पंचायत सरपंच मुनैश रावत एवं भुवाणा तहसील के उदामांडी गांव की सरपंच हवा कौर इन नवाचारों से प्रभावित होकर अपने गांव में विकास के प्रयास शुरु कर दिए है। उन्होंने बताया कि सरपंच बनने के बाद उन्होंने गांव में करोड़ों के विकास कार्य कराये गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास 50 से अधिक महिलाओं की एक टीम है जो स्वयंसेविकाओं के रुप में अपने गाँव में किसी भी जागरूकता और विकासात्मक कार्यक्रमों में निस्वार्थ रूप से उनके साथ योगदान देती है। (वार्ता)

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