वायनाड। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस घटना ने कई परिवारों के सपनों को तोड़ दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार केरल सरकार के साथ मिलकर उन लोगों की मदद करेगी जिन्होंने इस आपदा में अपना सब कुछ खो दिया।
भूस्खलन की वजह से अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 130 से ज्यादा लोग लापता हैं।
प्रधानमंत्री यहां जिला कलेक्ट्रेट में जमीनी हालात की समीक्षा करने और भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास की योजना तैयार करने के लिए आयोजित बैठक में बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से यह आपदा आई है, तब से वह ‘‘यहां संपर्क में’’ हैं और लगातार अद्यतन सूचना प्राप्त कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि उन्होंने जीवित बचे लोगों से सुना कि उन्होंने क्या देखा और क्या अनुभव किया।
बैठक में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी, आपदा स्थल के पास डेरा डाले कैबिनेट उप-समिति के मंत्री, वरिष्ठ नौकरशाह और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
इससे पहले, मोदी कन्नूर हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा वायनाड पहुंचे। प्रधानमंत्री एयर इंडिया वन विमान से दिन में करीब 11 बजे कन्नूर हवाई अड्डा उतरे। वायनाड जाते समय उन्होंने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम का हवाई सर्वेक्षण किया था।
मोदी ने एक राहत शिविर का भी दौरा किया, जहां भारी भूस्खलन के कारण विस्थापित हुए कई लोग रह रहे हैं। उन्होंने घटना से प्रभावित कुछ लोगों से बातचीत की। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे, जिन्होंने इस आपदा में अपने प्रियजनों को खो दिया। इस आपदा में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
मोदी डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज भी गए, जहां भूस्खलन में घायल हुए कई लोग भर्ती हैं। उन्होंने भूस्खलन में बचे कुछ लोगों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।