फर्जी कंपनी खोलकर 30 करोड़ लोन लेने के मामले में आठ गिरफ्तार

फर्जी कंपनी खोलकर 30 करोड़ लोन लेने के मामले में आठ गिरफ्तार

नोएडा। नोएडा (noida) जनपद की थाना फेस-वन पुलिस ने फर्जी कंपनी (bogus company) बनाकर, जाली आधार कार्ड आदि दस्तावेज की मदद से लोन (loans) लेकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार (arrested) किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस उपायुक्त, जोन प्रथम, हरीश चंदर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम अनुराग चटकारा, अमन शर्मा, दानिश छिब्बर, वसीम अहमद, मोहसिन, जीतू उर्फ जितेंद्र, रविकांत मिश्रा तथा तनुज शर्मा है। उन्होंने बताया कि इनके पास से विभिन्न बैंकों की 395 चेक बुक, 327 डेबिट कार्ड, 278 पैन कार्ड, 93 आधार कार्ड, जीएचसीएल कंपनी के 23 पहचान पत्र, एक नोट गिनने की मशीन, एक पहचान पत्र बनाने की मशीन, 30 विभिन्न कंपनियों की मुहर, पेनड्राइव, 187 मोबाइल फोन, तीन कार, दो मोटरसाइकिल, तीन लैपटॉप और एक लाख रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद की गई है।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि ये लोग विभिन्न फर्जी नामों से आधार कार्ड बनवा कर, इन्हीं फर्जी नाम से पैन कार्ड बनवाते थे। उन्होंने बताया कि आरोपी इसके बाद ‘रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज’ कार्यालय में कंपनी का पंजीकरण करवाते थे।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी अन्य लोगों को नाम पर फर्जी आधार व पैन कार्ड बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाते थे। उन्होंने बताया कि आरोपी इस प्रकार के खोले गए खातों में फर्जी कंपनी के खाते से वेतन के रूप में धन अंतरण करते थे।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपी उस धन को एटीएम से निकाल कर पुनः उसी कंपनी के खाते में जमा करा देते हैं। इस प्रकार छह सात महीना वेतन देने पर ऐसा खातेदार लोन लेने के लिए उपयुक्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि तब यह लोग ऑनलाइन लोन आवेदन करते हैं, तथा कई अन्य वित्तीय कंपनियों से कार, मोबाइल फोन व अन्य वस्तुओं के लिये लोन कराते हैं। उन्होंने बताया कि लोन के रुपयों को ये लोग एटीएम के माध्यम से निकालकर लोन ली गई वस्तुओं को गबन करके, बैंकों को पैसे वापस नहीं करते।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपी फर्जी नाम से सारे गोरखधंधे करते हैं, इसलिए ये पकड़ में नहीं आते थे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में अब तक करीब 30 करोड रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।

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