Kedarnath Flood: पिछले 24 घंटे के दौरान देशभर में हुई भारी बारिश से हालात भयावह हो चुके है. बात करें पहाड़ी इलाकों की तो जगह-जगह पर भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही है.(Kedarnath Flood)
उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश से हालात खराब हो चुके है. कल शाम से लागातार भारी बारिश के बाद से हुई लैंडस्लाइड के बाद केदारनाथ यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई. मौसम विभाग ने राज्य में 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
इसके चलते बचाव के लिए NDRF की 12 और SDRF की 60 टीमें तैनात की गई हैं. उत्तराखंड में पिछले 2 दिनों में टिहरी में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी.
2013 का मंजर फिर से आंखों के सामने
उत्तराखंड में कुछ सालों से आपदाओं का दौर देखा जा रहा है. पिछले कुछ सालों में बादल फटने की बहुत सी घटनाएं देखी गई है.
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में अब तक 16 लोगों ने अपनी जान गवां दी है.
जबकि केदारनाथ में बादल फटने से पैदल रूट पर लिनचोली और भीमबली के पास 2000 से ज्यादा लोग फंसे हैं.
केदारनाथ में बादल फटना फिर से उस 2013 की आपदा का मंजर याद दिला देता है जिसे ना तो कोई भूला है और ना ही कोई उस भयावह मंजर को याद करना चाहता है.
एक बसा-बसाया शहर था केदारनाथ…13-16 जून, 2016 की भारी बारिश के बाद बादल फटने से केदारनाथ मंदिर के अलावा कुछ भी नहीं रहा. लाखों लोगों ने उस त्रासदी में अपनी जान गंवाई थी.
हालात ऐसे हो गए थे कि लोगों में केदारनाथ जाने के नाम पर भय व्याप्त हो गया था. भविष्य में भी केदारघाटी में 2013 जैसा भयावह मंजर कभी भी देखने को ना मिले.
वायुसेना की मदद से लोगों का रेस्क्यू
केदारनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए 5 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं. केदारनाथ रूट में फंसे यात्रियों को बचाने के लिए SDRF तैनात की गई है.
मुनकटिया से 450 लोगों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया गया. बाकी लोगों के रेस्क्यू के लिए चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर भेजे जा रहे हैं. मौसम विभाग ने शुक्रवार 2 अगस्त को 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी के मुताबिक गौरीकुंड से शुरू होने वाला 16 KM लंबा केदारनाथ ट्रैक घोड़ा पड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में क्षतिग्रस्त हो गया है.
रामबाड़ा के पास दो पुल भी कल रात बह गए. राज्य सरकार ने केदारनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना की मदद ली है. NDRF, INS की 12 टीमें और SDRF की 60 टीमें बचाव में लगी हुई हैं.
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