नई दिल्ली। सस्ती विमान सेवा गो फर्स्ट का आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। उसने तीन और चार मई को अपनी सभी उड़ानों को रद्द करने का फैसला किया है। गो फर्स्ट के इस फैसले के बाद नागरिक विमानन महानिदेशालय, डीजीसीए ने एयरलाइंस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीजीसीए ने इस मामले में एयरलाइंस से 24 घंटे में जवाब मांगा गया है। बताया जा रहा है कि गो फर्स्ट ने फंड की कमी के कारण उड़ानें निलंबित करने का फैसला किया है।
गो फर्स्ट को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि उड़ान निलंबित करने के बारे में डीजीसीए को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। एयरलाइंस को ऐसा करने से पहले नियामक को बताना होगा कि वे सभी निर्धारित उड़ानें रद्द करना चाहते हैं, अन्यथा यह नागरिक विमानन नियमों का उल्लंघन होगा। नोटिस में कहा गया है कि गो फर्स्ट उड़ानों को रद्द करने की रिपोर्ट देने और कारण बताने में असफल रहा है।
दूसरी ओर गो फर्स्ट ने अपने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि कंपनी के हितों की रक्षा के लिए ऐसा फैसला करना पड़ा है। कंपनी ने कहा कि ऑपरेशन वजहों से उड़ानों को रद्द किया गया है। उसने यह भी कहा कि कंपनी ने अपने फैसले के बारे में सरकार को भी बता दिया है और डीजीसीए को भी जानकारी दे दी गई है। इस बीच खबर है कि नकदी की तंगी से जूझ रही एयरलाइंस दिवालिया हो सकती है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि तेल कंपनियों के बकाए का भुगतान नहीं कर पाने के चलते एयरलाइंस ने तीन और चार मई की बुकिंग नहीं करने और सारी उड़ानें रद्द करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि विमानन कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, एनसीएलटी, दिल्ली के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए एक आवेदन भी दायर किया है। एयरलाइंस के सीईओ कौशिक खोना ने कहा है- इंजनों की सप्लाई नहीं होने के कारण एयरलाइन ने 28 विमानों को ग्राउंडेड कर दिया। इससे फंड की किल्लत हो गई और दिवाला कार्यवाही के लिए जाना पड़ा।