देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की वजह से कमजोर हो गई इमारतों को गिराने का काम शुरू हो गया है। सबसे पहले होटल मलारी इन को गिराने का काम शुरू हुआ है। इस बीच खबर है कि डेंजर जोन में आने वाले मकानों की संख्या बढ़ रही है। पहले सात सौ करीब मकानों में दरार पड़ी थी, जिनको खाली करा लिया गया है। लेकिन अब 50 से ज्यादा और मकानों में दरार आने की खबर है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इस मामले पर उच्चस्तरीय बैठक की।
बताया जा रहा है कि गुरुवार शाम को राज्य आपदा प्रबंधन बल, एसडीआरएफ ने होटल मलारी इन को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने आसपास के रास्तों को बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों को भी हटाया गया है। यह होटल पीछे की ओर पूरी तरह झुक गया है। एक अन्य होटल माउंट व्यू को भी जल्दी हटाया जाएगा। ये दोनों होटल एक दूसरे के बहुत करीब होगए हैं।
इस बीच इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिल्ली आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत आदि मौजूद रहे। मीटिंग में जोशीमठ में भूस्खलन के बाद सड़क, बिजली सप्लाई, पीने के पानी की कमी और पर्यावरण की स्थिति को लेकर बातचीत की गई। बताया जा रहा है कि करीब 40 मिनट चली मीटिंग में गृह सचिव अजय भल्ला भी मौजूद थे।
जोशीमठ में जमीन धंसने के बाद भारतीय सेना की कई इमारतों में मामूली दरारें आई हैं। इसके चलते सैनिकों को अस्थायी रूप से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने सेना की इमारतों में दरार के बारे में बताते हुए कहा- 25 से 28 बिल्डिंगों में मामूली दरारें आई हैं और सैनिकों को अस्थायी तौर पर स्थानांतरित किया जा रहा है। जरूरत हुई तो उन्हें स्थायी तौर पर औली में शिफ्ट किया जाएगा।