नई दिल्ली। धार्मिक स्वतंत्रता पर आई अमेरिकी रिपोर्ट को हर साल की तरह इस साल भी भारत ने खारिज कर दिया है। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2022 को खारिज करते हुए भारत ने कहा- अमेरिका की रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है। गौरतलब है कि दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने 15 मई को जारी की थी।
रिपोर्ट में कहा गया है- भारत, चीन, रूस, सऊदी अरब जैसे देशों में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जवाब दिया। उन्होंने कहा- यह रिपोर्ट अमेरिकी अधिकारियों की बेबुनियाद जानकारी पर आधारित है। कुछ अमेरिकी अधिकारियों की ये पक्षपाती टिप्पणियां ऐसी रिपोर्ट्स की विश्वसनीयता को कम करने का काम कर रही हैं।
अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में राज्य सरकारें अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुसलमानों के खिलाफ मनमानी करती हैं। कई राज्यों में पुलिस ने ईसाई धर्म के लोगों को ये कहते हुए गिरफ्तार किया कि वो हिंदुओं का धर्म परिवर्तित कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है- आवास, अल्पसंख्यक मुद्दों और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूतों ने जून 2022 में मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की थी।
रिपोर्ट में 2020 में हुई दिल्ली हिंसा का भी जिक्र किया गया है। इसमें अक्टूबर 2022 में जारी हुई एक सिटिजन कम्युनिटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है- पुलिस ने प्रदर्शन करने वालों के साथ मार-पीट की। इनमें से ज्यादातर प्रदर्शनकारी मुस्लिम थे। इससे पहले भारत ने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2021 को भी खारिज करते हुए कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित बातों और विचारों के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए।