मणिपुर में फिर हिंसा

मणिपुर में फिर हिंसा

इंफाल। मणिपुर में शांति बहाली के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। तीन मई से शुरू हुई हिंसा का सिलसिला अभी तक जारी है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा कर शांति स्थापित की गई लेकिन रविवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई और एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत हो गई। रविवार को ही आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें 40 आतंकियों के मारे जाने की खबर आई। बहरहाल, रविवार को भड़की हिंसा के बाद जातीय संघर्ष में मरने वालों की संख्या 80 हो गई है। सोमवार को भी कई जगह आगजनी और फायरिंग की खबर है।

गौरतलब है कि मणिपुर में कुकी और मैती समुदाय के बीच तीन मई को हिंसा भड़की थी। राज्य के बहुसंख्यक मैती समुदाय को एसटी में शामिल करने और आरक्षण देने के मामले में अदालत की ओर से नोटिस जारी होने के बाद आदिवासी समुदायों ने आंदोलन किया था, जिसके बाद हिंसा भड़की थी। तीन से 15 मई तक इस हिंसा में 75 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से 63 लोगों के शव अभी तक उनके परिजन नहीं ले गए हैं। रविवार की हिंसा के बाद मरने वालों की संख्या 80 हो गई।

ध्यान रहे मणिपुर में इंटरनेट 31 मई तक बंद है, जिसकी वजह से खबरें बाहर आने में देर हो रही है। तभी रविवार की हिंसा की खबर सोमवार को मिली। खबरों के मुताबिक राजधानी इंफाल से लगे सेरौ और सुगनू इलाके में हिंसक झड़प हुई। इसमें एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हुए हैं। पिछले 26 दिनों से जारी हिंसा के बीच पुलिस ने रविवार तक 40 लोगों का एनकाउंटर भी किया है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मुठभेड़ और उग्रवादियों के मारे जाने पुष्टि की है।

मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा था- ये लोग आम नागरिकों के खिलाफ एम-16, एके-47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में कुकी जनजाति के लोग मैती समुदाय को एसटी का दर्जा देने के खिलाफ तीन मई से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। चूराचांदपुर में तीन मई की रात प्रदर्शन के दौरान दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे से भिड़ गए। चूराचांदपुर में ही चार मई को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का एक कार्यक्रम होना था। इसकी तैयारियों को लेकर मंच और पंडाल लगाए गए थे, जिसे प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी।

राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के बाद केंद्र सरकार को राज्य में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा। कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया, जो अब तक जारी है। 31 मई तक इंटरनेट पर भी पाबंदी लगा दी गई है। राज्य से अब तक 40 हजार लोग पलायन कर चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार यानी 29 मई की शाम को इंफाल पहुंचे हैं। वे एक जून तक यानी तीन दिन मणिपुर में रहेंगे। इस दौरान वे सुरक्षा स्थिति का जायजा लेंगे। इससे पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय राज्य का दौरा कर चुके हैं। सेना प्रमुख 27-28 मई को मणिपुर में रहे।

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