रांची। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों पर बुधवार को दूसरे दिन भी तलाशी जारी रखी है। इस दौरान ईडी ने 100 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति का पता लगाया है। अब तक 25 लाख रुपए कैश और डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा के गहने बरामद किए गए हैं। वीरेंद्र राम और उनके रिश्तेदार आलोक रंजन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
रांची के वसुंधरा एस्टेट स्थित उनके मकान को सीआरपीएफ और पुलिस ने घेर रखा है। इसके अलावा रांची कचहरी चौक के पास अभियंत्रण भवन में स्थित उनके कार्यालय और जमशेदपुर, दिल्ली, सिवान, सिरसा के 24 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। बीरेंद्र राम के परिवार के कई सदस्यों, उनके दिल्ली स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल और ठेकेदार अतिकुल्लाह अंसारी के यहां भी छापामारी की गई है।
ईडी सूत्रों के अनुसार, अवैध निवेश के जो दस्तावेज मिले हैं उनमें वीरेंद्र राम ने अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कर्ज के तौर पर दिखाया है, लेकिन जांच के दौरान कर्ज देने वाली संस्थाओं का कोई अस्तित्व नहीं मिला। यह जानकारी भी मिली है कि सीए के जरिए उन्होंने कई शेल कंपनियों में निवेश कर रखा है।
दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में वीरेंद्र राम के परिवार के सदस्यों के नाम पर तीन आलीशान मकान है, जिनका बाजार मूल्य 40 करोड़ रुपए है। पिछले महीने उन्होंने अपने पिता गंगाराम के नाम पर दिल्ली के छतरपुर में चार करोड़ रुपए में एक मकान खरीदा है, जिसे तोड़कर नए सिरे से निर्माण कराया जा रहा है।
बता दें कि वर्ष 2019 में एसीबी की टीम ने वर्ष 2019 में जमशेदपुर में वीरेंद्र राम और जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के ठिकाने पर छापेमारी की थी और इस दौरान उनके आवास से दो करोड़ 45 लाख रुपये बरामद किए गये थे। इस मामले में ईडी ने 2020 में सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन पर केस दर्ज किया था। एसीबी ने सुरेश प्रसाद और आलोक रंजन के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। इसी आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था। (आईएएनएस)