जानें Ganesh Chaturthi मनाने का इतिहास और 10 दिन तक क्यों होता है उत्सव

जानें Ganesh Chaturthi मनाने का इतिहास और 10 दिन तक क्यों होता है उत्सव

why we celebrate ganesh chaturthi : गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे पूरे भारत में बड़े धूमधाम और भक्ति भाव से मनाया जाता है। कई राज्यों में गणेश उत्सव की धूम-धाम देखने लायक होती है। यह पर्व भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होती है, जो 10वें दिन अनंत चतुर्दशी के अवसर पर गणपति विसर्जन के साथ समाप्त होता है।

गणेश चतुर्थी का महत्व, इसे 10 दिनों तक मनाने के पीछे की कथा, और इससे जुड़ी रोचक जानकारियाँ अत्यंत ज्ञानवर्धक हैं। इस लेख में हम गणेश चतुर्थी के महत्व और इससे जुड़ी दिलचस्प बातों पर प्रकाश डालते हैं

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गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को

हर साल गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को पड़ रही है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और 10 दिनों तक उनकी विधिपूर्वक पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन होता है।

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है, अर्थात किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनसे ही होती है। यह पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन आजकल पूरे भारत में इसका महत्व बढ़ता जा रहा है।

पुराणों में इस दिन को मनाने से जुड़ी कई कथाएं बताई गई हैं। मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाने की वजह

गणेश चतुर्थी से 10 दिन के गणेश उत्सव की शुरुआत होती है, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी को होता है। 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाने के पीछे एक प्रचलित कथा है।

कहते हैं कि वेदव्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की। भगवान गणेश ने बिना रुके 10 दिनों तक महाभारत लिखी। इस दौरान एक ही स्थान पर लगातार लेखन करने के कारण गणेश जी के शरीर पर धूल और मिट्टी जम गई। 10वें दिन गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया।

तब से गणेश चतुर्थी के दिन गणपति जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और 9 दिन तक उनकी पूजा की जाती है। 10वें दिन भक्ति भाव के साथ गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।

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