Worrying:भारत के किसी भी शहर की हवा स्वास्थ्यवर्धक नहीं, WHO के मानक में फैल

Worrying:भारत के किसी भी शहर की हवा स्वास्थ्यवर्धक नहीं, WHO के मानक में फैल

WHO AIR Qualiy: एक इंसान को जीने के लिए बेहतर वातावरण की आवश्यकता होती है. लेकिन आज के समय में जहां हर और प्रदूषण का साया है. वातावरण भी प्रदूषण के साये में लिपटा हुआ है. WHO के वायु गुणवत्ता मानक में भारत का एयर क्वालिटी बेहद खराब आई है. भारत के किसी भी शहर की हवा स्वास्थ्यवर्धक नहीं है. देश के 256 शहरों की वायु गुणवत्ता WHO के मानकों पर खरी नहीं है. चालू वर्ष 2024 के शुरुआती छह महीनों के आंकड़ों के अनुसार मेघालय के बर्नीहाट शहर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी. इस दौरान वहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 140 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. बर्नीहाट, असम का एक छोटा सा शहर है, जिससे स्पष्ट है कि देश में प्रदूषण अब केवल बड़े शहरों की समस्या नहीं रह गया है. वहीं, प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद दूसरे और दिल्ली तीसरे स्थान पर रही.

केवल 5 दिन वायु गुणवत्ता बेहतर रही

यह जानकारी सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में सामने आई है. इस रिपोर्ट में सीआरईए ने पिछले छह महीनों के दौरान देश के 256 शहरों की वायु गुणवत्ता में आए बदलावों का विश्लेषण किया है. बर्नीहाट में अध्ययन किए गए 148 दिनों में से छह दिन वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर था. 107 दिन हवा बेहद खराब रही. छह महीनों में महज पांच दिन ऐसे थे जब वायु गुणवत्ता बेहतर रही.

फरीदाबाद-दिल्ली की हवा बेहद हानिकारक

हरियाणा का फरीदाबाद शहर प्रदूषित शहरों की सूची में दूसरे नंबर पर रहा. यहां एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित रही हो. यहां का पीएम 2.5 का औसत स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. वहीं, सूची में दिल्ली तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है. यहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 102 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा.

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