Leak Of JSSC Exam Paper :- झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से 28 जनवरी रविवार को आयोजित कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल एग्जाम (एसएससी-सीजीएल) की परीक्षा का पेपर लीक हो गया। इसके बाद कमीशन ने थर्ड पेपर यानी सामान्य ज्ञान की परीक्षा रद्द कर दी है। पेपर लीक होने की खबरों को लेकर राज्य के लाखों अभ्यर्थी गुस्से में हैं। रांची सहित कई शहरों में छात्रों ने प्रदर्शन किया है। इधर भारतीय जनता पार्टी ने इसे लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है और पूरी परीक्षा रद्द करते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। एसएससी-सीजीएल की इस परीक्षा के जरिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्ति की जानी है। इसके लिए साढ़े छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अभ्यर्थियों की भारी संख्या की वजह से दो तिथियों 28 जनवरी और 4 फरवरी को परीक्षा की तिथि तय की गई थी।
पहली तिथि यानी 28 जनवरी को राज्य भर के 735 केंद्रों पर तीन अलग-अलग पत्रों की परीक्षा तीन पालियों में ली गई, जिसमें करीब तीन लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा देकर निकले छात्रों का कहना था कि तीसरे पेपर का प्रश्नपत्र पहले ही व्हाट्सएप पर वायरल हो गया था। आयोग ने परीक्षार्थियों से मिली शिकायतों की प्रथम दृष्टया पुष्टि के बाद तीसरे पत्र की परीक्षा रद्द कर दी। हालांकि इसके पीछे अपरिहार्य कारण बताया गया है। इधर पेपर लीक को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है पहुंच-पैरवी-पैसों के दम पर सरकारी परीक्षा में सीटों की खरीद फरोख्त करने वाली हेमंत सोरेन सरकार ने एक बार फिर से युवाओं को धोखा देते हुए जेएसएससी परीक्षा में गड़बड़ी का कुत्सित प्रयास किया है।
कल जेएसएसी-सीजीएल परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद, जेएसएससी बड़ी चतुराई से सिर्फ़ पेपर 3 को रद्द कर युवाओं से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। तीनों पालियों की परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी वही है, अधिकारी वहीं हैं, तो सिर्फ़ पेपर 3 को ही रद्द क्यों किया गया? मेघा सूची में जुड़ने वाले अन्य दोनों पेपर को भी रद्द करना होगा। कल संपन्न हुई हुई परीक्षा में बड़ी साजिश और धांधली होने की बू आ रही है। हमारी मांग है, कल की पूरी परीक्षा स्थगित कर इसकी सीबीआई जांच हो। इस भ्रष्टाचार में संलिप्त संस्थाएं, एजेंसी, अधिकारियों व सफेदपोशों पर कठोर से कठोर कार्रवाई हो। (आईएएनएस)