श्रीनगर। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के लिए प्रचार के आखिरी दिन रविवार को पीडीपी प्रमुख और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रचार नहीं किया। इजराइल के हमले में मारे गए हिजबुल्लाह प्रमुख के प्रति सम्मान दिखाने और दुख जाहिर करने के लिए उन्होंने अपने को प्रचार से अलग रखा। आखिरी दिन होने के बावजूद उन्होंने प्रचार नहीं किया। कश्मीर घाटी के कुछ और नेताओं और प्रत्याशियों ने भी प्रचार से दूरी रखी।
इससे पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत पर दुख जताया था। शनिवार, 28 सितंबर को ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि लेबनान और गाजा के शहीदों, खासतौर से हसन नसरल्लाह के समर्थन में रविवार का चुनावी दौरा रद्द कर रही हूं। उन्होंने कहा कि इस गहरे दुख और विद्रोह की घड़ी में हम फिलस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं। नसरल्लाह के समर्थन में जम्मू कश्मीर के बड़गाम में लोगों ने रैली भी निकाली।
महबूबा मुफ्ती के इस रवैए पर भाजपा ने रविवार को उन पर निशाना साधा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि महबूबा मुफ्ती आतंकवाद समर्थक हैं। आतंकियों की मौत पर आंसू बहाना और उन्हें शहीद कहना उनकी पुरानी आदत है। कुछ समय पहले बुरहान वानी की मौत पर भी वे ऐसे ही रोई थीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आखिरी दिन प्रचार किया लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे इजराइली बमबारी के खिलाफ लगातार बोलते आए हैं। उन्होंने कहा- कहा कि मैं इसके बारे में आज कुछ नहीं कहूंगा। हमने हमेशा इजराइल की तरफ से की जा रही बमबारी और सेना के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाई है। हमने लगातार मांग की है कि इसे रोका जाना चाहिए। बेकसूर लोगों को मारने और घायल करने की यह कड़ी रुकनी चाहिए, फिर चाहे ये गाजा में हो, लेबनान में या कहीं और।