नई दिल्ली। शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला करने में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को नोटिस जारी किया है। अदालत ने उनको दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के सांसद सुनील प्रभु ने उनके खिलाफ 23 जून 2022 को याचिका दायर की थी।
याचिका में उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले 16 बागी विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता मामले पर जल्दी फैसला करने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को निर्देश देने की मांग की थी। गौरतलब है कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिव सेना के कई विधायकों ने पार्टी से अलग होकर राज्य में भाजपा के साथ मिल कर सरकार बनाई थी। तभी शिव सेना ने इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आवेदन दिया था। इस साल 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे सरकार को राहत देते हुए उद्धव सरकार का इस्तीफा रद्द करने से इनकार कर दिया था और शिव सेना के 16 बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था।
बहरहाल, शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने विधानसभा स्पीकर को इस संबंध में नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। प्रभु ने याचिका में कहा है कि विधानसभा स्पीकर सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के दिए गए फैसले के बाद भी अयोग्यता याचिका पर फैसला करने में देरी कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता देवदत्त कामत ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पार्टी से बगावत करने वाले विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए दाखिल याचिकाओं पर विधानसभा अध्यक्ष जान-बूझकर देरी कर रहे हैं। हालांकि पिछले ही हफ्ते स्पीकर ने शिंदे गुट के विधायकों को नोटिस जारी किया था लेकिन उन्होंने जवाब देने के लिए और समय की मांग की।