निफा, कोविड, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू के खौफ के बाद में अब केरल में West Nile Fever का खौफ नजर आ रहा हैं। अब तक केरल में ऐसे पांच मामले सामने आ चुके हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा था की उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले में West Nile Fever के पांच मामलें सामने आएं। और जिला निगरानी टीम के एक अधिकारी ने कहा की बच्चों सहित संक्रमित व्यक्ति इलाज के बाद ठीक होकर अपने घरों को लौट आए हैं।
उन्होंने यह भी कहा की फिलहाल यह West Nile Fever इंसान से इंसान में फैलता हैं। और कई संक्रमित लोग इसका इलाज भी करा रहे हैं। अधिकारी ने कहा की जिन लोगों में लक्षण दिखे उनका इलाज किया गया और उनके नमूने हमेशा की तरह पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा की ये परीक्षण परिणाम अब आ गए हैं। वह सभी West Nile Fever से पीड़ित हैं। और वह सभी अब ठीक हो रहे हैं, क्योंकि उनका समय पर इलाज किया गया।
एक देश से दूसरे देश में आसानी से फैलने वाला यह वेस्ट नाइल वायरस पहले अफ्रीका और उसके बाद एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका तक भी फैल चुका हैं। और अब भारत में भी इससे संक्रमित लोग मिले हैं। कम तापमान और अधिक वर्षा इनके प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।
मच्छरों के माध्यम से यह बीमारी लोगों में बहुत तेजी से फैल सकती हैं। ऐसे में हम कई तरह की बीमारियों की भी उम्मीद कर सकते हैं।और मच्छर जनित यह बीमारी इंसान के तंत्रिका तंत्र में समस्या पैदा करती हैं।
जिन लोगों को यह संक्रमण पहली बार होता हैं। उनमें कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। लेकिन उसके बाद सिरदर्द, बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, जोड़ों में दर्द और सूजन वाले लिम्फ नोड्स दिखाई देने लगते हैं।
इस वायरस के लक्षण किसी व्यक्ति में कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक भी रह सकते हैं। लेकिन यदि वायरस मस्तिष्क के हिस्से को संक्रमित करता हैं। तो मस्तिष्क की कोशिकाओं में सूजन भी आ जाती हैं। और मेनिनजाइटिस मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी में समस्याओं के कारण होता हैं।
बच्चे, वयस्क और बुजुर्ग जिनका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता हैं। और ऐसे लोगों को इस संबंध में बहुत सावधान और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए।
जैसा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले कहा था की वर्तमान में मनुष्यों में वेस्ट नाइल वायरस रोग का कोई इलाज नहीं हैं। और लेकिन सबसे महत्वपूर्ण उपाय मच्छरों के संक्रमण और प्रजनन को रोकना हैं।
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