चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के मुकाबले एनडीए को फिर से खड़ा करने के जुगाड़ में लगे हैं और उसमें छोटी छोटी पार्टियों को जोड़ रहे हैं लेकिन इसी बीच दक्षिण भारत की भाजपा की एक बड़ी सहयोगी अन्ना डीएमके ने तालमेल तोड़ने का ऐलान कर दिया है। अन्ना डीएमके ने पार्टी मुख्यालय में बैठक करके औपचारिक रूप से भाजपा से तालमेल तोड़ने का ऐलान किया और कहा कि पार्टी अगला लोकसभा चुनाव भाजपा के बगैर प्रादेशिक सहयोगियों के साथ लड़ेगी। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटाखे चला कर इसका जश्न मनाया है।
अन्ना डीएमके के उप महासचिव केपी मुनुसामी ने सोमवार को गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए कहा- हमने बीजेपी के साथ गठबंधन खत्म करके एनडीए से बाहर होने के फैसला किया है। उनकी इस घोषणा के बाद अन्ना डीएमके कार्यकर्ताओं ने मुख्यालय पर पटाखे चला कर जश्न मनाया। इससे पहले पार्टी के जिला सचिवों, सांसदों और विधायकों की बैठक में एनडीए से बाहर निकलने का प्रस्ताव आम सहमति से पारित हुआ था।
सोमवार को हुई बैठक के बाद अन्ना डीएमके ने अपने पुराने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता जान-बूझकर अन्ना डीएमके के नेताओं को बदनाम कर रहे हैं। पार्टी के उप महासचिव केपी मुनुसामी ने कहा- अन्ना डीएमके आज से भाजपा और एनडीए से सभी संबंध तोड़ रही है। भाजपा के लोग पिछले एक साल से पार्टी नेताओं खासकर महासचिव ई पलानीसामी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। यह बात पहले भी पार्टी के नेता जयकुमार ने कहा था कि भाजपा का प्रदेश नेतृत्व अन्ना डीएमके के नेताओं को अपमानित करने वाला बयान दे रहा है।
बहरहाल, अन्ना डीएमके की प्रवक्ता शशिरेखा ने सोमवार को कहा- सदस्यों की राय के आधार पर हम यह प्रस्ताव लाए। यह अन्ना डीएमके के लिए खुशी का क्षण है। हम आगामी लोकसभा या विधानसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेंगे। इससे पहले 18 सितंबर को पार्टी के नेता डी जयकुमार ने कहा था- तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई हमारी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्रियों सीएन अन्नादुरई और जयललिता पर बयानबाजी करते हैं। हमारे कार्यकर्ता इस बात को कतई बरदाश्त नहीं करेंगे।
असल में अन्ना डीएमके और भाजपा के बीच इस साल जून में ही कड़वाहट शुरू हो गई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि तमिलनाडु सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री तक को दोषी ठहराया गया। उनका इशारा तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की ओर था। उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया था। उनकी सहयोगी इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद काफी समय जेल में रही थीं।