नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में स्पीकर के चुनाव में ही ऐसा लगता है कि सत्तापक्ष और विपक्ष में शक्ति परीक्षण हो सकता है। विपक्षी पार्टियों ने अगले हफ्ते यानी 24 जून से शुरू होने वाले सत्र के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सत्र के पहले दो दिन सदस्यों की शपथ होगी और उसके बाद 26 जून को स्पीकर का चुनाव होगा। विपक्ष चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने सरकार से कहा है कि वह परंपरा का पालन करते हुए डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दे नहीं तो विपक्ष स्पीकर का चुनाव लड़ेगा।
इस बीच शिव सेना के संजय राउत ने कहा है कि अगर सरकार में शामिल टीडीपी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारे तो विपक्ष उसका समर्थन कर सकता है। उन्होंने रविवार को कहा कि वे टीडीपी के उम्मीदवार के लिए विपक्ष का समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे। हालांकि टीडीपी ऐसा कुछ नहीं करने जा रही है। बताया जा रहा है कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों का पद भाजपा अपने पास रख सकती है। अगर ओम बिरला को फिर से स्पीकर बनाया जाता है तो आंध्र प्रदेश की भाजपा अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी उपाध्यक्ष बन सकती हैं।
गौरतलब है कि पिछली यानी 17वीं लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद खाली रहा था। पांच साल में सरकार ने उपाध्यक्ष नियुक्त नहीं किया। उससे पहले 16वीं लोकसभा में एनडीए में शामिल रहे अन्ना डीएमके के थंबीदुरई को यह पद दिया गया था। उससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के कार्यकाल में भाजपा के कड़िया मुंडा उपाध्यक्ष रहे थे। अगर सरकार के सामने मजबूरी होगी तो वह किसी सहयोगी पार्टी के नेता को उपाध्यक्ष बनाएगी। हालांकि अभी ऐसी कोई मजबूरी नहीं दिख रही है।