नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी 19 सितंबर को संसद का कामकाज नए भवन में शुरू हो गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि अब पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा। विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार की सुबह कार्यवाही पुरानी संसद भवन के सेंट्रल हॉल में ही शुरू हुई। दोनों सदनों की साझा बैठक हुई, जिसमें सबसे वरिष्ठ सदस्य के नाते सबसे पहले मेनका गांधी ने भाषण दिया।
पुराने संसद भवन को विदाई देने के लिए पक्ष और विपक्ष के लगभग सभी सांसद पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ फोटो खिंचवाई। इसके बाद सभी सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कहा- संसद का सेंट्रल हॉल हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। यहीं 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। बाद में संविधान ने भी यहीं आकार लिया। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सेंट्रल हॉल में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर इसकी सहमति दी।
सेंट्रल हॉल में सबसे पहले भाजपा सांसद मेनका गांधी ने भाषण दिया। उन्होंने कहा- आज ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलने जा रहा है। महिला आरक्षण से हाशिए पर खड़ी महिलाओं की किस्मत बदलेगी। बाद में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा- आज हम ऐतिहासिक घटना के साक्षी बनने जा रहे हैं। अंग्रेजी हुकूमत से लेकर हमारी आजादी में अब तक हमने इस संसद के शानदार पल को अनुभव किया है।