श्रीनगर। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर पिछले 21 दिन से आंदोलन कर रहे सोनम वांगचुक ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है। कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बीच वे खुले में भूख हड़ताल बैठे थे। वे 21 दिनों तक सिर्फ नमक और पानी पर जीवित रहे। अपनी भूख हड़ताल खत्म करते हुए जाने माने जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों से किए वादे पूरा करने की अपील की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए एक वीडियो में कमजोर दिख रहे वांगचुक ने लद्दाख के लोगों से राष्ट्र हित में इस बार सावधानीपूर्वक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आह्वान किया। गौरतलब है कि वे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग लेकर भूख हड़ताल पर थे। छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला परिषदों के जरिए असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी इलाकों के प्रशासन से जुड़े प्रावधान हैं।
अपना आंदोलन खत्म करते हुए सोनम वांगचुक ने कहा- भारत लोकतंत्र की जननी है और हम नागरिकों के पास एक बहुत विशेष शक्ति है। हम निर्णायक भूमिका में हैं, हम किसी भी सरकार को उसके तौर तरीके बदलने के लिए विवश कर सकते हैं या काम नहीं करने पर सरकार बदल सकते हैं। गौरतलब है कि लद्दाख में पांचवें चरण में 20 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।