छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के चुनाव हार कर सत्ता से बाहर होने के बाद घमासान छिड़ा है। एक हफ्ते से ज्यादा बीत जाने और बड़े नेताओं के बीच-बचाव करने के बावजूद मामला ठंडा नहीं पड़ रहा है। कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों बृहस्पत सिंह, मोहित राम करकेट्टा और डॉ. विनय जायसवाल ने पार्टी के प्रभारी और सह प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोला है। इसमें पार्टी के बाकी नेता भी इधर या उधर की साइड चुन रहे हैं। सबका आरोप है कि टिकट बंटवारे में गड़बड़ी हुई। गौरतलब है कि कांग्रेस ने 22 मौजूदा विधायकों की टिकट काटी थी। जितने विधायकों की टिकट काटी गई वे सभी पार्टी के प्रभारी और कुछ प्रदेश नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इस लड़ाई में एक बार फिर भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव का झगड़ा भी उभर कर आ गया है। बृहस्पत सिंह ने प्रभारी कुमारी शैलजा पर आरोप लगाया और कहा कि वे बड़े नेताओं से बिक गई थीं। उन्होंने शैलजा के साथ साथ टीएस सिंहदेव पर भी आरोप लगाया और कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। दूसरे नेता डॉ. विनय जायसवाल ने सह प्रभारी चंदन यादव पर निशाना साधा और कहा कि चंदन यादव ने उनसे सात लाख रुपए लिए। उन्होंने भूपेश बघेल को भी निशाना बनाया। मोहित करकेट्टा ने कहा कि 22 विधायकों की टिकट काटने की वजह से कांग्रेस चुनाव हारी है। जिन लोगों की टिकट कटी थी उनमें से तीन-चार पूर्व विधायक तो मुखर होकर बोल रहे हैं लेकिन बाकी नेता परदे के पीछे से उनका साथ दे रहे हैं। कांग्रेस के जानकार नेता बता रहे हैं कि जब तक पार्टी आलाकमान सभी पुराने नेताओं को नहीं बदल देगा तब तक विवाद चलता रहेगा।