भाजपा और जजपा का झगड़ा या नूरा कुश्ती?

भाजपा और जजपा का झगड़ा या नूरा कुश्ती?

Haryana Politics : करीब साढ़े साल तक एक साथ मिल कर सरकार चलाने के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के बीच जंग छिड़ी है। दोनों एक दूसरे पर खुल कर हमले कर रहे हैं। (Haryana Politics )

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन बडौली ने कहा है कि उनकी पार्टी जजपा के साथ कोई तालमेल नहीं करेगी। दूसरी ओर जजपा के नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि अब उनकी पार्टी कभी भी भाजपा से तालमेल नहीं करेगी।

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गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जजपा के 10 विधायकों की मदद से ही मनोहर लाल खट्टर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे और दुष्यंत उनकी सरकार में कई अहम मंत्रालयों के साथ उप मुख्यमंत्री बने थे। इस साल के शुरू में खट्टर को हटाया गया तो भाजपा ने दुष्यंत से भी तालमेल खत्म कर दिया।

इस बार भी त्रिशंकु विधानसभा

अब राज्य में विधानसभा चुनाव है तो दोनों पार्टियां एक दूसरे से लड़ रही हैं। हालांकि जानकार सूत्रों का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ दिखावा है और अगर पिछली बार की तरह इस बार भी त्रिशंकु विधानसभा बनती है तो दुष्यंत चौटाला फिर से भाजपा से तालमेल कर सकते हैं। असल में विधानसभा चुनाव में भाजपा गैर जाट राजनीति साधने में लगी है इसलिए वह चौटाला से दूरी दिखा रही है। भाजपा चाहती है कि जाटों में यह मैसेज जाए कि भाजपा और जजपा में दूरी है तभी कुछ जाट वोट कांग्रेस से टूट कर दुष्यंत के साथ जा सकते हैं। दुष्यंत भी इसलिए भाजपा से बहुत दूरी दिखा रहे हैं। उनको अंदाजा है कि भाजपा से नजदीकी के मैसेज का उनको बड़ा नुकसान होगा। असल में इस बार हरियाणा में जाट वोट पूरी तरह से कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ एकजुट है।

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