कितनी पार्टियों का कांग्रेस में विलय

कितनी पार्टियों का कांग्रेस में विलय

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की बहुत चर्चा रही। अनेक बड़े नेता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले गए। लेकिन दूसरी ओर पिछले करीब एक साल में आधा दर्जन छोड़ी बड़ी पार्टियों का कांग्रेस में विलय हुआ है। स्वतंत्र रूप से राजनीति करने वाले अनेक मजबूत नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश से लेकर जम्मू कश्मीर और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश तक इन पार्टियों का कम या ज्यादा असर रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा बनने या नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के अलावा पार्टियों का सीधे कांग्रेस में विलय हुए और उनके नेता कांग्रेस की टिकट पर चुनाव भी लड़ रहे हैं।

अपने राज्य में असर रखने वाली पार्टियों की बात करें तो सबसे अहम पार्टी, जिसका कांग्रेस में विलय हुआ वह वाईएसआर तेलंगाना पार्टी है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएसआर शर्मिला ने यह पार्टी बनाई थी और बहुत कम समय में उन्होंने तेलंगाना में इसका असर बना दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया और कांग्रेस ने उनको आंध्र प्रदेश का अध्यक्ष बनाया है। वे कांग्रेस की टिकट पर कडप्पा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने की वजह से आंध्र प्रदेश में कांग्रेस त्रिकोणात्मक मुकाबला बनाने में कामयाब होती दिख रही है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को एक फीसदी से थोड़ा ज्यादा वोट आया था। राज्य के बंटवारे के बाद से वहां कांग्रेस का खाता नहीं खुल रहा है।

दूसरी अहम पार्टी पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी है, जिसका कुछ समय पहले ही कांग्रेस में विलय हुआ। हालांकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जिद की वजह से कांग्रेस पप्पू यादव को पूर्णिया सीट से टिकट नहीं दे पाई और वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन बताया जा रहा है कि परदे के पीछे से कांग्रेस का पूरा समर्थन उनको है। उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं। पप्पू यादव कोशी और सीमांचल के इलाके की कम से कम सात लोकसभा सीटों पर अच्छा खासा असर रखते हैं। इसी तरह पंजाब की पटियाला सीट पर 2014 में महारानी परनीत कौर को हराने वाले धर्मवीर गांधी ने अपनी पार्टी नवां पंजाब पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया है। कांग्रेस ने उनको पटियाला सीट से उम्मीदवार बनाया है। वे पहले आम आदमी पार्टी में थे।

कुछ समय पहले ही जम्मू कश्मीर में डोगरा स्वाभिमान संगठन नाम से पार्टी बना कर राजनीति करने वाले पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में किया था। कांग्रेस ने उनको जम्मू कश्मीर की उधमपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। पिछले साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश की भारतीय विकास कांग्रेस पार्टी का कांग्रेस में विलय हुए। पार्टी के अध्यक्ष विनोद राय अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। उससे पहले जून में नागरिकता एकता पार्टी का कांग्रेस में विलय हुआ था। बिहार की विकासशील स्वराज पार्टी के नेता प्रेम चौधरी ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में का है। प्रभारी मोहन प्रकाश और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने उनको कांग्रेस में शामिल कराया। इसी तरह 26 साल पुराने संगठन ऑल इंडिया कश्मीरी हिंदू फोरम के अध्यक्ष रतन लाल भान ने जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष विकार रसूल वानी की मौजूदगी में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में किया।

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