जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। इसके साथ ही पार्टियों की पोजिशनिंग भी शुरू हो गई है। जुल्फिकार अली भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने ‘अपनी पार्टी’ नाम से राजनीतिक दल बनाया था। इस बीच खबर है कि कांग्रेस छोड़ कर अलग अपना दल बनाने वाले गुलाम नबी आजाद को एक पोजिशन लेनी है लेकिन वे फैसला नहीं कर पा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि उनकी पार्टी के ज्यादातर नेता उनकी मौजूदा पोजिशनिंग से खुश नहीं हैं। वे चाहते हैं कि आजाद अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी की लाइन खुल कर स्पष्ट करें। पहले माना जा रहा था कि उन्होंने भाजपा की मदद करने के लिए पार्टी बनाई है लेकिन उसमें भी वे कुछ करते नहीं दिख रहे हैं। जुल्फीकार अली के भाजपा में जाने के बाद उन पर दबाव बढ़ा है।
दूसरी ओर उनके ऊपर कांग्रेस में घर वापसी करने का भी दबाव है लेकिन कांग्रेस उनको वापस लेने को तैयार नहीं है। उलटे कांग्रेस ने विकार रसूल वानी को हटा कर तारिक हमीद कारा को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। साथ ही वानी को कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य बनाया है। इसके बाद आजाद की पार्टी के अनेक नेताओं के कांग्रेस में जाने की चर्चा शुरू हो गई है। जम्मू क्षेत्र के चिनाब क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़, रामबन आदि जिलों के कई नेता कांग्रेस में घर वापसी करना चाहते हैं। नई पार्टी बनाने पर उनके साथ गए कई नेता पहले ही घर वापसी कर चुके हैं। तभी गुलाम नबी आजाद के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। वे अकेले चुनाव लड़ेंगे, किसी से तालमेल करेंगे या चुनाव नहीं लड़ेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। तीन चरण में 18 व 25 सितंबर और एक अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में चुनाव हैं।