राम माधव की वापसी कैसे?

राम माधव की वापसी कैसे?

एक समय राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रवक्ता रहे भाजपा के पूर्व महासचिव राम माधव की मुख्यधारा की राजनीति में वापसी हो गई है। उनको जम्मू कश्मीर का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। वे केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी के साथ मिल कर काम करेंगे। सवाल है कि चार साल तक राम माधव को क्यों बियाबान में भटकना पड़ा था और चार साल बाद फिर कैसे उनकी वापसी हुई है? जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी के महासचिव के नाते वे अच्छा काम कर रहे थे लेकिन उनके कामकाज का तरीका संघ और भाजपा की संस्कृति से मेल नहीं खाता था। वे बहुत हाई प्रोफाइल हो गए थे और बड़े बिंदास तरीके से राजनीति करते थे। तभी उनके साथ के तमाम महासचिव राज्यसभा सदस्य बन गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी होने के बावजूद उनके राज्यसभा जाने का अवसर नहीं मिला।

अब उनकी वापसी हुई है जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए। कहा जा रहा है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनको राज्य में भाजपा की सरकार बनवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। गौरतलब है कि 2015 में राम माधव ने ही पीडीपी के साथ भाजपा का तालमेल कराया था और पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती को भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बनवाया था। इस समय राज्य की राजनीति में कई छोटे छोटे खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनको राम माधव ने बढ़ावा दिया था। जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चाहते है कि राम माधव ने 10 साल पहले जम्मू कश्मीर में जो किया अब उसका फायदा वे भाजपा को दिलाएं। जिस तरह से भाजपा की मदद से उन्होंने पीडीपी की सरकार बनवाई उसी तरह पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस या किसी की भी मदद से भाजपा की सरकार बनवाएं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके जम्मू कश्मीर की सभी पार्टियों के साथ अच्छे संबंध हैं। अब देखना है कि वे भाजपा को इसका कितना फायदा पहुंचा सकते हैं। अगर वे कामयाब हुए तो दिल्ली में जो चाहेंगे वह उनको मिलेगा।

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