दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राज्यसभा सांसदों की समस्या सुलझ नहीं रही है। स्वाति मालीवाल का मामला तो खैर बहुत उलझ गया है। यह साफ हो गया है कि वे इस्तीफा नहीं देंगी। वे केजरीवाल के ऊपर और आम आदमी पार्टी के ऊपर लाख आरोप लगाएं लेकिन ऐसी नैतिकता नहीं दिखाने वाली हैं कि राज्यसभा सीट छोड़ दें। राज्यसभा सीट के लिए ही इतने तमाशे हुए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि वे इकलौती राज्यसभा सांसद हैं, जिनसे पार्टी को समस्या हो रही है। दूसरे राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा हैं, जो वैसे तो लंदन से लौट आए हैं लेकिन अभी तक चुनाव प्रचार में नहीं उतरे हैं और ऐसा नहीं लग रहा है कि वे नैतिक समर्थन देने के अलावा कुछ और करने जा रहे हैं।
पंजाब में लोकसभा की 13 सीटों के लिए मतदान नजदीक आ रहे है लेकिन भाजपा के सात में से एक भी राज्यसभा सांसद प्रचार में नहीं उतरा है। ध्यान रहे राघव चड्ढा पंजाब से ही राज्यसभा सांसद हैं। उनके अलावा क्रिकेटर हरभजन सिंह को केजरीवाल ने राज्यसभा भेजा है। लेकिन शपथ लेने के बाद से ही वे लापता हैं। चुनाव रणनीतिकार संदीप पाठक भी पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं। लेकिन वे परदे के पीछे से ही काम कर सकते हैं और वह काम वे कर रहे हैं। बाकी पांच सांसद भी लापता हैं। एक यूनिवर्सिटी के मालिक हैं तो एक बड़े उद्योगति हैं तो एक धार्मिक गुरू किस्म के व्यक्ति हैं, जिनको केजरीवाल ने राज्यसभा सीट दी है। लेकिन कोई भी उनके प्रचार में नहीं उतर रहा है। पंजाब का चुनाव लगभग पूरी तरह से मुख्यमंत्री भगवंत मान के हवाले है।