आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए नंबर एक टारगेट कांग्रेस पार्टी है। वे दिखाते हैं कि उनकी लड़ाई भाजपा से है लेकिन उसकी आड़ में लड़ना कांग्रेस से है। देश की दूसरी किसी पार्टी के साथ उनकी लड़ाई नहीं है। वे उन्हीं राज्यों में लड़ने जाते हैं, जहां कांग्रेस एक मजबूत ताकत है। उनके लड़ने का मकसद कांग्रेस को नुकसान पहुंचाना होता है, जैसा उन्होंने गुजरात में किया और इस बार कर्नाटक में करने की कोशिश की। यह अलग बात है कि कर्नाटक में उनके सभी 168 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की इस राजनीतिक सोच के बावजूद कांग्रेस के वकील नेताओं से केजरीवाल को बहुत लगाव है।
उनका यह लगाव शनिवार को दिल्ली में हुई उनकी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा की सगाई में दिखाई दिया। राघव चड्ढा और फिल्म अभिनेत्री परिणति चोपड़ा की सगाई में कांग्रेस के तीनों बड़े वकील नेता पहुंचे हुए थे। तकनीकी रूप से कपिल सिब्बल को कांग्रेस का नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वे समाजवादी पार्टी की मदद से राज्यसभा में पहुंचे हैं और कांग्रेस छोड़ चुके हैं लेकिन राजनीतिक व वैचारिक रूप से वे कांग्रेस के साथ ही हैं। पिछले ही महीने उन्होंने इंदौर में कहा कि वे कांग्रेस छोड़ चुके हैं लेकिन दिल से अभी कांग्रेसी ही हैं। कपिल सिब्बल के अलावा कांग्रेस के प्रवक्ता और वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और पूर्व केंद्रीय गृह व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी इस सगाई समारोह में पहुंचे थे। इन तीनों वकीलों के अलावा चौथे कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला थे, जिनको वहां बुलाया गया।
बहरहाल, ये तीनों वकील नेता इसलिए केजरीवाल को पसंद हैं क्योंकि कांग्रेस की तरह अब केजरीवाल की पार्टी भी तमाम कानूनी पचड़ों में फंसी है। केजरीवाल सहित पार्टी के तमाम नेताओं के ऊपर भ्रष्टाचार या किसी अन्य तरह के मुकदमे हैं और दिल्ली सरकार भी केंद्र के साथ कई कानूनी लड़ाई लड़ रही है। हाल में दिल्ली सरकार अधिकारियों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जीती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अधिकारियों की नियुक्ति दिल्ली सरकार के हाथ में रहेगी और उप राज्यपाल उसकी सलाह से काम करेगा। यह मुकदमा दिल्ली सरकार की ओर से अभिषेक सिंघवी ने लड़ा था। अभी इसी मामले में फिर दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है तो उसके वकील सिंघवी ही हैं।
इसी तरह दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच शक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चले मुकदमे में पी चिदंबरम भी दिल्ली सरकार के वकील रह चुके हैं। कुछ साल पहले दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों से जुड़े एक मामले में सिंघवी, सिब्बल और चिदंबरम तीनों दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। इन तीनों वकील नेताओं के केजरीवाल से जुड़ाव को देखते हुए पिछले दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने अपील जारी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कांग्रेस के वकील नेताओं को केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं का मुकदमा नहीं लड़ना चाहिए।