कांग्रेस पार्टी में संगठन में बदलाव रूका हुआ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद सब कुछ रोक दिया गया है। फरवरी में रायपुर में पार्टी का अधिवेशन होना है, जिसमें पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मुहर लगेगी। उसके बाद ही संगठन में बदलाव होने की खबर है। लेकिन कहा जा रहा है कि उससे पहले भी कांग्रेस कुछ जगह बदलाव कर सकती है। ऐसी जगहों में एक जगह दिल्ली भी है, जहां प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को हटाए जाने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि दिसंबर में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद से ही उनको हटाए जाने की तैयारी थी लेकिन अब इस बारे में जल्दी ही फैसला हो सकता है।
कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक दिल्ली नगर निगम में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन की वजह से उनको हटाया जा रहा है। पार्टी ढाई सौ सीटों की नगर निगम में दहाई में नहीं पहुंच पाई। वह सिर्फ नौ सीट जीत पाई। इसके अलावा कांग्रेस आलाकमान में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी खुद ही निगम चुनाव में वोट नहीं डाल पाए क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था। सोचें, उनकी जिम्मेदारी थी कि वे पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के नाम चेक करें और सुनिश्चित करें कि सबका नाम मतदाता सूची में हो लेकिन उलटे उन्हीं का नाम मतदाता सूची से नदारद था। बताया जा रहा है कि देवेंद्र यादव का नाम अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में है। लेकिन उत्तराखंड के प्रभारी के नाते उनका प्रदर्शन बहुत खराब रहा है और दिल्ली में शीला दीक्षित के खिलाफ अभियान चलाने के कारण भी वे बदनाम रहे हैं। उनके अलावा जो दूसरा नाम चर्चा में है वह अलका लांबा का है।