अमेरिका के विदेश मंत्री रहे माइक पोम्पियो की किताब आई है, जिसका नाम है, ‘नेवर गिव एन इंचःफाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव’। इसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर लिखा है और यह भी कहा कि 2019 के बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों में परमाणु युद्ध की नौबत आ गई थी। एक तरह से उन्होंने कम से कम एक सर्जिकल स्ट्राइक पर मुहर लगा दी है, जिसका सबूत विपक्ष के नेता मांगते रहे हैं। हालांकि भारत सरकार ने उनकी इस बात से अपने को अलग कर लिया है। उन्होंने दूसरी अहम बात उस समय की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बारे में कही है। सुषमा स्वराज केंद्र में नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में विदेश मंत्री रही थीं। लेकिन उन्होंने 2019 का चुनाव नहीं लड़ा था और चुनाव के थोड़े दिन के बाद ही उनका निधन हो गया था।
उनके बारे में किताब में पोम्पियो ने लिखा है कि ‘मैं उनको बहुत महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती नहीं मानता हूं’। उन्होंने उनकी बजाय उनके विदेश सचिव एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल का ज्यादा खास अंदाज में जिक्र किया है। किताब रिलीज होने के बाद जयशंकर ने एक बयान में कहा कि वे सुषमा स्वराज का बहुत सम्मान करते थे और उनके बारे में ऐसा लिखना बेहद अपमानजनक है। लेकिन असल में किताब में पोम्पियो ने सुषमा स्वराज के बारे में ज्यादा अपमानजनक बात जयशंकर के हवाले लिखी है। पोम्पियो ने लिखा है कि जयशंकर ने सुषमा स्वराज को ‘गूफबॉल एंड हर्टलैंड पोलिटिकल हैक’ यानी जोकर, विदूषकनुमा गोबरपट्टी का नेता बताया था। इस बात को छिपा करके जयशंकर ने उलटे पोम्पियो पर ठीकरा फोड़ दिया कि उन्होंने सुषमा का अपमान किया है।