क्या पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आम आदमी पार्टी और इसके सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की पारंपरिक राजनीति से अलग हट कर काम कर रहे हैं? यह लाख टके का सवाल है। ध्यान रहे केजरीवाल ने पंजाब में बेहद आक्रामक और काफी हद तक कट्टरपंथी राजनीति की थी। इस वजह से उनको कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया में काम कर रहे कट्टरपंथी संगठनों और लोगों की ओर से मदद मिली थी। यह पहले चुनाव यानी 2017 के चुनाव की बात है। तब उनके ऊपर कई आरोप लगे थे और बड़ी आलोचना हुई थी। तभी जब पंजाब में आप जीती तो कहा गया कि कट्टरंथी राजनीति मजबूत होगी और यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री मान वह राजनीति नहीं कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सीधे संपर्क में हैं और केंद्र सरकार के साथ मिल कर पंजाब की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कट्टरपंथी गतिविधियों को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। पता नहीं केजरीवाल को यह राजनीति कितनी पसंद आ रही है। लेकिन हकीकत है कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ को जिस तरह से हैंडल किया गया है वह काफी सफल रहा। बिना माहौल बिगड़े अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया और उसके सारे करीबियों को भी पकड़ लिया गया। इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों का पूरा सहयोग मान को मिला है। उसके बाद केंद्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे का आकलन किया गया, जिसके बाद मान को पूरे देश में जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से उनको यह सुरक्षा मिली है। केजरीवाल को भी ऐसी सुरक्षा नहीं मिली है। केंद्र सरकार की आलोचना में मान के सुर भी नरम पड़े हैं।