कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लंदन के अपने कार्यक्रमों में ऐसी कोई बात नहीं कही है, जिस पर इतना हंगामा मचा है। उन्होंने न तो कोई गलत बात कही है और न कोई नई बात कही है। इसके बावजूद भाजपा के नेता उनके पीछे पड़े हैं और यह साबित करने में लगे हैं कि उन्होंने देश का अपमान किया। जो बात राहुल गांधी ने लंदन में कही वहीं बात वे दिल्ली में भी कहते हैं। तभी सवाल है कि जब दिल्ली में कहते हैं तो उससे देश का अपमान नहीं होता है और जब में लंदन में करते हैं तो उससे अपमान हो जाता है? राहुल ने कहा कि संसद में बोलने नहीं दिया जाता है, माइक बंद कर दिया जाता है, मीडिया के ऊपर दबाव है, केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है आदि आदि तो इसमें कौन सी बात से देश का अपमान हो रहा है?
ये सारी बातें राहुल गांधी भारत में सौ बार कह चुके हैं और ये ही सारी बातें उन्होंने लंदन के अलग अलग कार्यक्रमों में दोहराई। उन्होंने पहले कैम्ब्रिज में भाषण दिया, फिर इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन से जुड़े पत्रकारों से मिले, फिर प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया और फिर ब्रिटेन की संसद में बोले। उन्होंने चारों जगहों पर एक जैसी बातें कहीं। लोकतंत्र पर खतरा, मीडिया पर दबाव, चुनिंदा उद्योगपतियों को बढ़ावा देना और आरएसएस-भाजपा की फासीवादी सोच। इसमें कोई भी बात नई नहीं है और न देश का अपमान करने वाली है। इस तरह की बातें वे पहले भी कम से कम आधा दर्जन बार विदेश दौरे में कह चुके हैं। वैसे भी भाजपा के नेता कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का मान बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है तो राहुल गांधी के बोलने से क्या अपमान होना है!