
कर्नाटक में कांग्रेस की भारी भरकम जीत का श्रेय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे, डीके शिवकुमार और सिद्धरमैया तक को दिया जा रहा है। लेकिन सुनील कनुगोलू की चर्चा नहीं हो रही है। वे कांग्रेस पार्टी के प्रशांत किशोर हैं। कर्नाटक में वे कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार और प्रबंधक थे। डीके शिवकुमार की टीम के साथ मिला कर उन्होंने कांग्रेस को चुनाव लड़वाया। चुनाव से पहले सर्वेक्षण कराने से लेकर राज्य के अलग अलग समूहों की समस्याओं का पता लगाना और उस हिसाब से हर समूह को आकर्षित करने के लिए कुछ न कुछ नया ऐलान करने की रणनीति उनकी थी। उन्होंने सबके लिए होने वाली घोषणाओं के बीच मछुआरों, युवाओं, महिलाओं, किसानों आदि के लिए अलग अलग घोषणाएं कराईं। चुनाव घोषणापत्र तैयार कराने में उनका अहम रोल रहा।
तभी सवाल है कि इतनी बड़ी जीत के बाद कांग्रेस उनको क्या देगी? वे कांग्रेस के लिए आगे के चुनावों में काम करेंगे और कहा जा रहा है कि उनकी टीम ने मध्य प्रदेश में ऑलरेडी काम शुरू कर दिया है। दूसरे राज्यों में भी कांग्रेस उनकी राय से काम करेगी। ध्यान रहे आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव रणनीति बनाने का काम करने वाले संदीप पाठक को पार्टी ने राज्यसभा भेजा है। पंजाब में आम आदमी पार्टी को मिली बड़ी जीत के बाद संदीप पाठक को राज्यसभा भेजा गया। उसके बाद उन्होंने गुजरात में पार्टी को चुनाव लड़वाया, जहां उसे 13 फीसदी वोट मिले। इस साल होने वाले चुनावों में राजस्थान और मध्य प्रदेश में उनकी टीम काम कर रही है। सो, क्या संदीप पाठक की तरह कांग्रेस सुनील कनुगोलू को राज्यसभा दे सकती है? अगले साल कर्नाटक की चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने वाले हैं।