जाबी लगे घोड़ों की चारागाह
अज्ञेय ने डा. लोहिया की के शब्दों में आलोचना की थी, - “लोहिया की ठेठ भाषा में ऐसे बिंब उभारने की शक्ति है, जिन की छाप मन पर बनी रहे; पर तर्क में जब हम...
अज्ञेय ने डा. लोहिया की के शब्दों में आलोचना की थी, - “लोहिया की ठेठ भाषा में ऐसे बिंब उभारने की शक्ति है, जिन की छाप मन पर बनी रहे; पर तर्क में जब हम...