नयी दिल्ली | सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंफोसिस के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के किसी भी भुगतान से बचने से इनकार करने के एक दिन बाद शुक्रवार को कर्नाटक सरकार ने आईटी फर्म के खिलाफ कारण बताओ नोटिस से पूर्व का पत्र (प्री शो कॉज नोटिस) वापस ले लिया, लेकिन कंपनी को केंद्रीय अधिकारियों को अपना जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इंफोसिस ने शेयर बाजार में नियामक फाइलिंग में कहा की कंपनी को कर्नाटक के अधिकारियों ने एक पत्र भेजा और साथ ही प्री शो कॉज नोटिस वापस लेने की जानकारी दी और कंपनी को इस मामले में आगे का जवाब जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) केंद्रीय प्राधिकरण को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इंफोसिस ने जीएसटी भुगतान के सभी दावों को किया खारिज
उन्होंने ने जीएसटी के किसी भी भुगतान से बचने के लिए दृढ़ता से इनकार करते हुए और कहा की कंपनी ने अपने सभी जीएसटी बकाये का भुगतान कर दिया हैं। और इस मामले दोनों सरकारों के नियमों का पूरी तरह से पालन कर रही हैं।
इंफोसिस ने कहा था कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के लिए है न कि इंफोसिस के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किये गये खर्चों पर। कर्नाटक के जीएसटी अधिकारियों ने इंफोसिस के विदेशी शाखा कार्यालयों की ओर से किये गये खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए 32,403 करोड़ रुपये के जीएसटी के भुगतान के वास्ते प्री शो कॉज नोटिस जारी किया था। कंपनी को इसी मामले पर डीजीजीआई के महानिदेशक से प्री शो कॉज नोटिस भी मिला हैं।
Read More: मोदी सरकार पर बनी डॉक्यूमेंट्री ब्लॉक