65 वर्ष के हुये संजय दत्त, जानें सिने करियर

65 वर्ष के हुये संजय दत्त, जानें सिने करियर

मुंबई | बॉलीवुड के जानेमाने अभिनेता संजय दत्त आज 65 वर्ष के हो गये। 29 जुलाई 1959 को मुंबई में जन्में संजय दत्त को अभिनय की कला विरासत में मिली। साथ ही उनके पिता सुनील दत्त अभिनेता और मां नरगिस जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री थी। और इसके साथ घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण संजय दत्त अक्सर अपनी माता-पिता के साथ शूटिंग देखने भी जातें थे। इस वजह से उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे।संजय दत्त ने बतौर बाल कलाकार अपने सिने करियर की शुरूआत की और साथ ही अपने पिता के बैनर तले बनी फिल्म रेशमा और शेरा से की।

संजय दत्त की फिल्मों में असफलता और ‘नाम’ से चमकता सितारा

इस दौरान उनकी जानी आइ लव यू, मै आवारा हूं , बेकरार, मेरा फैसला, जमीन आसमान , दो दिलो की दास्तान, मेरा हक और जीवा जैसी कई फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गयी। और लेकिन वर्ष 1985 में प्रदर्शित फिल्म जान की बाजी टिकट खिड़की पर औसत कारोबार करने में सफल रही।

संजय दत्त की किस्मत का सितारा वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म नाम से चमका। यूं तो यह फिल्म राजेन्द्र कुमार ने अपने पुत्र कुमार गौरव को फिल्म इडस्ट्री में दोबारा स्थापित करने के लिये बनायी थी। लेकिन फिल्म में संजय दत्त की भूमिका को दर्शकों द्वारा ज्यादा पसंद किया गया। फिल्म की सफलता के साथ ही संजय दत्त एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खोई हुयी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। फिल्म नाम की सफलता के बाद संजय दत्त की छवि एंग्री यंग मैन स्टार के रूप में बन गयी।

‘साजन’ से बदली छवि और पहली फिल्मफेयर नामांकन

वर्ष 1991 में ही प्रदर्शित फिल्म साजन संजय दत्त के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है । लारेंस डिसूजा के निर्देशन में बनी संगीतमय इस फिल्म में संजय दत्त के अभिनय का नया रूप देखने को मिला । इस फिल्म में निर्देशक ने उनकी मारधाड़ वाली छवि को छोड़ उन्हें एक नये अंदाज में पेश किया। और साथ ही इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के कारण वह सिने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिये नामांकित भी हुये ।

वर्ष 1993 संजय दत्त के व्यक्तिगत जीवन में काला वर्ष साबित हुआ।मुंबई बम विस्फोट में नाम आने की वजह से उन्हें जेल तक जाना पड़ा।वर्ष 1993 से 1999 तक संजय दत्त की कुछ फिल्में प्रदर्शित हुयी। और साथ ही जो टिकट खिड़की पर खास कमाल नही दिखा सकी।

‘वास्तव’ और ‘मुन्ना भाई’ से संजय दत्त का शानदार कमबैक

वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म वास्तव संजय दत्त के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये संजय दत्त अपने सिने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये। वर्ष 1999 में संजय दत्त के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म हसीना मान जायेगी प्रदर्शित हुयी।

वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म मुन्ना भाई एम.बी बी.एस संजय दत्त के सिने करियर की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में संजय दत्त और अरशद वारसी की जोड़ी ने जबरदस्त धमाल मचाकर सिने प्रेमियों को रोमांचित कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये संजय दत्त सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये । वर्ष 2006 में फिल्म की सफलता को देखते हुये इसका सीक्वल लगे रहो मुन्ना भाई बनाया गया जिसे टिकट खिड़की पर जबरदस्त सफलता मिली।

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