दिल्ली जल संकट को लेकर आतिशी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

दिल्ली जल संकट को लेकर आतिशी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जल संकट को लेकर सियासी घमासान जारी है। पानी की किल्लत को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज है। इसी बीच राजधानी में लगभग सभी इलाकों में पानी की किल्लत बढ़ गई है। इसे लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी (Atishi) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसके साथ ही आतिशी ने दिल्ली में पानी न मिलने की स्थिति में 21 जून से अनिश्चितकालीन अनशन (Indefinite Hunger Strike) पर बैठने की चेतावनी भी दे डाली। आतिशी ने पीएम मोदी को पानी किल्लत से अवगत करते हुए लिखा, ”देश के कई हिस्सों में इस बार भीषण गर्मी है। दिल्ली भी उनमें से एक है, जहां बर्दाश्त करने की क्षमता से भी कहीं ज्यादा गर्मी है। आपको मालूम ही होगा कि 29 मई को दिल्ली का तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस था, जो अभूतपूर्व था।

कल का तापमान 47 डिग्री था। रात को 10 बजे भी तापमान 41 डिग्री था। दिल्ली में इतनी गर्मी पिछले 100 सालों में नहीं पड़ी। इतनी तपती हुई गर्मी में दिल्ली वालों की पानी की आवश्यकता बढ़ गई है। लेकिन जब दिल्ली वालों को ज्यादा मात्रा में पानी की ज़रूरत है, दिल्ली में पानी की कमी हो गई है। दिल्ली में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। उन्होंने आगे कहा आख़िर दिल्ली में पानी की कमी क्यों हो रही है? दिल्ली में कुल पानी की सप्लाई 1050 एमजीडी (MGD) है, इसमें से हरियाणा से 613 एमजीडी पानी आता है। लेकिन पिछले 2 हफ्तों से हरियाणा से पानी आना बहुत कम हो गया है। 18 जून के आंकड़े देखें तो, मात्र 513 एमजीडी पानी हरियाणा द्वारा दिल्ली में भेजा गया। यानी दिल्ली को 100 एमजीडी पानी कम मिल रहा है। 1 एमजीडी पानी (MGD Water) से एक दिन में तकरीबन 28,500 लोगों को पानी मिलता है।

100 एमजीडी पानी की कमी से 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। यानी हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने 28 लाख दिल्ली वालों का पानी रोक दिया है। आतिशी ने लिखा प्रधानमंत्री जी, आप ही बताइए, क्या 28 लाख दिल्ली वालों को प्यासा रखना सही है? जब दिल्ली में पानी की कमी हुई तो मैंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और उनसे अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए अनुरोध किया। पर हरियाणा सरकार ने पानी नहीं छोड़ा। मैंने हिमाचल प्रदेश के सामने हाथ जोड़े और दिल्ली के लिए पानी हेतु निदेवन किया। हिमाचल प्रदेश अपना अतिरिक्त पानी देने के लिए तैयार है, पर वो भी हरियाणा से होते हुए आना है। हरियाणा सरकार ने हिमाचल से आ रहा पानी देने से भी इनकार कर दिया। दिल्ली सरकार इन 28 लाख लोगों को पानी दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि दिल्ली में पानी का संकट है, पर उसके बावजूद हरियाणा सरकार ने दिल्लीवालों को 100 एमजीडी पानी नहीं दिया।

हमारे विधायक केंद्र सरकार (Central Government) के जल शक्ति मंत्री से मिलने भी गए, परंतु वे मिले नहीं। दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारी कल हरियाणा सरकार के अधिकारियों से मिलने चंडीगढ़ भी गए, पर फिर भी हरियाणा ने पानी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी, दिल्ली के लोग बहुत परेशान हैं। अब मुझसे ये परेशानी देखी नहीं जाती। मैंने हर संभव प्रयास कर लिया, पर हरियाणा सरकार दिल्लीवालों को पानी देने को तैयार नहीं है। अब आप से हाथ जोड़ कर निवेदन कर रही हूं कि आप दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी दिलवाइए। दिल्ली के इतिहास में कभी पानी का इतना संकट नहीं हुआ। इस भीषण गर्मी में दिल्ली के लोग एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।

जब मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब भी कुछ बार पानी की कमी हुई, पर पानी का इतना संकट कभी नहीं हुआ। हमारे शास्त्रों में लिखा है कि प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा पुण्य कुछ नहीं है, लेकिन हरियाणा सरकार ने 28 लाख दिल्ली वालों को पानी के लिए तरसा दिया है। आतिशी ने आगे लिखा मुझे पता है कि हरियाणा के लोग भी भीषण गर्मी में परेशान हैं। उन्हें भी पानी की ज़रूरत है। लेकिन हरियाणा की आबादी 3 करोड़ है, और उन्हें 6500 एमजीडी पानी मिलता है। दिल्ली की आबादी भी 3 करोड़ है, और हमें मात्र 1050 एमजीडी पानी मिलता है। अगर हरियाणा सरकार दिल्ली वालों को 100 एमजीडी पानी दे भी दे, तो ये उनके पानी का सिर्फ़ 1.5% है।

मेरे हर संभव प्रयास के बाद भी हरियाणा सरकार दिल्ली को यह 100 एमजीडी पानी नहीं दे रही। अब बूंद-बूंद पानी के लिए तड़पती दिल्ली के लोगों की पीड़ा मुझसे देखी नहीं जा रही। मेरी हाथ जोड़ कर आपसे विनती है कि इस मामले में हस्तक्षेप करें और हरियाणा सरकार से दिल्ली के लोगों को उनके हक का पानी दिलवाएं। पानी न मिलने की स्थिति में 21 जून से मुझे पानी के लिए सत्याग्रह करना पड़ेगा और अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठना पड़ेगा। मेरे शरीर को चाहे कितना भी कष्ट हो, पर अब दिल्ली वालों का कष्ट मैं सहन नहीं कर सकती।

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