केजरीवाल के इंसुलिन का विवाद जारी

केजरीवाल के इंसुलिन का विवाद जारी

नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन नहीं दिए जाने का मुद्दा दिल्ली से रांची तक चर्चा में रहा। रांची में विपक्षी गठबंधन की रैली में विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया। दिल्ली में भी इसे लेकर रविवार को विवाद जारी रहा। राज्य सरकार की मंत्री आतिशी इंसुलिन लेकर तिहाड़ जेल पहुंच गईं। इससे एक दिन पहले तिहाड़ जेल के महानिदेशक, डीजी संजय बेनीवाल ने शनिवार को एम्स को चिट्ठी लिखी थी। इसमें केजरीवाल के लिए एक सीनियर डायबिटोलॉजिस्ट नियुक्त करने को कहा गया है।

तिहाड़ जेल के डीजी की इस चिट्ठी को आम आदमी पार्टी ने भी रविवार को शेयर किया। इस बीच, रविवार को दिल्ली की मंत्री आतिशी तिहाड़ जेल के सामने इंसुलिन लेकर पहुंचीं। उन्होंने केंद्र सरकार को ब्रिटिश राज से ज्यादा क्रूर बताया। इससे पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार केजरीवाल को मारने की साजिश कर रही है। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल एक अप्रैल से तिहाड़ जेल में हैं। 18 अप्रैल को उन्होंने कोर्ट से अपने डॉक्टर से सलाह लेने और इंसुलिन की मांग वाली याचिका लगाई थी, जिस पर 22 अप्रैल को फैसला आना है।

इस मामले में तिहाड़ प्रशासन को कठघरे में खड़ा करते हुए राज्य सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि तिहाड़ जेल की रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने कहा- सबसे पहले केजरीवाल के शुगर को बेतरतीब ढंग से मापा गया। जब भी शुगर लेवल कम हुआ है, रिपोर्ट में केवल वही रिकॉर्ड है। ये अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल बार बार जेल प्रशासन से इंसुलिन मांग रहे हैं, लेकिन वे इसे देने के लिए तैयार नहीं हैं। भारद्वाज ने कहा- केंद्र सरकार कहती रही कि केजरीवाल की देखभाल के लिए जेल में एक विशेषज्ञ मौजूद है। तिहाड़ डीजी के एम्स को डायबिटोलॉजिस्ट भेजने के लिए चिट्‌ठी लिखने के बाद उनका झूठ उजागर हो गया है।

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