नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव पर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। चुनाव की घोषणा होने और चुनाव आयोग से मंजूरी मिल जाने के बाद भी चुनाव टल गया है। अब शुक्रवार को होने वाला चुनाव नहीं होगा। उप राज्यपाल ने यह कह कर चुनाव टाल दिया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। उनकी गैरहाजिरी में कैसे पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो सकती है। हालांकि चुनाव टालने के लिए आम आदमी पार्टी ने भाजपा और उप राज्यपाल वीके सक्सेना दोनों की आलोचना की है।
गौरतलब है कि दिल्ली में 26 अप्रैल को नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना था। इस चुनाव को लेकर चुनाव आयोग अपनी मंजूरी दे चुका है। चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर आयोग को कोई आपत्ति नहीं है। अब एमसीडी ने चुनाव टलने का औपचारिक नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में लिखा गया है कि मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी तय नहीं होने के चलते चुनाव टाला गया है।
आम आदमी पार्टी के नगर निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने उप राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा है- उप राज्यपाल कारण बता रहे हैं कि चूंकि मुख्यमंत्री के सुझाव पर उप राज्यपाल काम करते हैं और अभी मुख्यमंत्री मौजूद नहीं है क्योंकि वो जेल में हैं। दुर्गेश पाठक ने कहा है- ये कैसा मजाक है? अब तक मुख्यमंत्री का कौन सा सुझाव माना है उप राज्यपाल ने? पिछली बार नियम के विरुद्ध जाकर सीएम के सुझाव के खिलाफ उप राज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की थी।
उन्होंने कहा- पांच साल में एक बार दलित समाज के व्यक्ति को मेयर बनने का मौका मिलता है लेकिन वो मौका भी बीजेपी के एलजी ने छीन लिया है। गौरतलब है कि इस साल दिल्ली नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने महेश खिची को मेयर पद का और रमेश भारद्वाज को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर भाजपा ने किशन लाल को मेयर और नीता बिष्ट को डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया है।