इंदौर। सूरत के बाद मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस को झटका लगा है। इंदौर से कांग्रेस के प्रत्याशी ने नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया। इतना ही नहीं कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले अक्षय कांति बम सोमवार को पर्चा वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गए। राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। नामांकन वापस लेने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। गौरतलब है कि सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा से मिल गया और अपना ही परचा खारिज करा लिया, जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी को निर्विरोध सांसद चुन लिया गया।
बहरहाल, इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय की नाम वापसी होते ही भाजपा ने ऑपरेशन सूरत की तरह काम शुरू कर दिया। भाजपा की योजना थी कि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट की तरह बचे हुए उम्मीदवारों के नामांकन वापस कराकर इंदौर में निर्विरोध जीत हासिल की जाए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में दोपहर तीन बजे तक माथापच्ची चलती रही लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पर्चा भरने वाले 23 में से नौ ही उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए। अब इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा के शंकर लालवानी समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बीच दो निर्दलीय उम्मीदवारों, दिलीप ठक्कर और धर्मेंद्र सिंह झाला ने कहा कि उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया है। इसके बावजूद कलेक्टर कार्यालय के बाहर लगाई गई नॉमिनेशन वापस लेने वालों की लिस्ट में उनके नाम शामिल हैं।
इस घटनाक्रम के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का भाजपा में स्वागत है। सूत्रों के अनुसार, मंत्री विजयवर्गीय ने हाईकमान को भरोसे में लेकर एक होटल में इसकी प्लानिंग की। बताया जा रहा है कि नाम वापस लेने से घबरा रहे थे। तब इस योजना में भाजपा विधायक रमेश मेंदोला को शामिल किया गया। अक्षय को फॉर्म वापस लेने भी मेंदोला के साथ भेजा गया, विजयवर्गीय खुद बाहर डटे रहे। फिलहाल, अक्षय कांति बम के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।