भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडोरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Chief Minister Kanyadan Yojana) के तहत आयोजित विवाह समारोह से पहले महिलाओं की प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का मामला तूल पकड़े हुए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महिला आयोग (Women Commission) की अध्यक्ष रेखा शर्मा को लिखे पत्र में कहा है कि डिंडोरी में 22 अप्रैल को राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कन्या विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम में मेडीकल टेस्ट (Medical Test) के नाम पर महिलाओं का प्रेगनेंसी टेस्ट कराया गया। यह कृत्य महिलाओं की निजता और उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
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साथ ही महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया गया है, जो नारी अस्मिता और भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। कमलनाथ ने अपने पत्र में आगे कहा है कि जिन गरीब बेटियों ने अपने विवाह संस्कार का सपना देखा था, उन्हें अपनी जिंदगी के सबसे खुशनसीब दिन ही ऐसा सरकारी दुर्व्यवहार देखना पड़ा है, जो महिलाओं की अंतरात्मा पर हमला है। वीरांगना दुर्गावती, रानी अवंती बाई और अहिल्या बाई जैसी देवियों ने जिस भूमि को अपने तप से खींचा, यहां मातृ शक्ति के साथ ऐसी अपमानजनक बर्बरता किया गया जो समूची नारी जाति के आत्मसम्मान के खिलाफ है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि जिस प्रदेश में सरकार ही महिलाओं को बेआबरू करने पर उतारू हो, वहां अपराधियों के हौसले बुलंद होना कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है, जिसके कारण मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) लंबे अरसे से महिलाओं के खिलाफ अपराध में अव्वल है, वहीं राज्य सरकार महिला अत्याचार के खिलाफ मौन है और स्वयं महिलाओं की आत्म सम्मान को ठेस पहुंचा रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने मांग की है कि डिंडोरी में महिलाओं के खिलाफ हुए इस अपमानजनक और गैर कानूनी कृत्य की आयोग द्वारा विस्तृत एवं उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए। (आईएएनएस)