महाराष्ट्र में उद्धव का चेहरा होगा!

महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियों के महा विकास अघाड़ी में सबसे बड़ा मुद्दा नेतृत्व का है। एनडीए में यह झगड़ा नहीं है। वहां तय है कि विधानसभा चुनाव के बाद अगर गठबंधन जीतता है तो मुख्यमंत्री भाजपा का होगा और शिव सेना का उप मुख्यमंत्री होगा। एकनाथ शिंदे को पता है कि वे अगले चुनाव तक ही मुख्यमंत्री हैं। उससे पहले भी बदल जाएं तो हैरानी नहीं होगी। लेकिन महा विकास अघाड़ी में तय नहीं है कि कौन गठबंधन का नेतृत्व करेगा। एनसीपी के दोनों शीर्ष नेता शरद और अजित पवार इसे लेकर परेशान हैं। हालांकि दोनों की परेशानी के कारण अलग अलग हैं। अजित पवार गठबंधन का नेता और चेहरा बनना चाहते हैं, जबकि शरद पवार इसके पक्ष में नहीं हैं।

सो, सवाल है कि क्या शरद पवार चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाए? चूंकि उद्धव ठाकरे ढाई साल तक गठबंधन के नेता रहे हैं इसलिए अभी स्वाभाविक रूप से उनको नेता माना जा रहा है। लेकिन आगे क्या होगा? बताया जा रहा है कि शरद पवार और कांग्रेस दोनों इस पर सहमत हैं कि उद्धव ठाकरे के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया तो फायदा होगा। इसका कारण यह है कि कांग्रेस और एनसीपी का एक निश्चित वोट है, जो हर चुनाव में उनको  मिलता है। उद्धव ठाकरे और उनकी शिव सेना को कट्टर हिंदू वोट मिल सकता है। वे भाजपा के वोट में सेंध भी लगा सकते हैं। उन पर दांव लगाने की सोच इसी वजह से है कि वे हिंदू वोट अघाड़ी के खेमे में ला सकते हैं। दूसरी ओर अजित पवार अगले चुनाव को अभी नहीं तो कभी नहीं का मौका मान रहे हैं। उनकी बेचैनी किसी तरह से मुख्यमंत्री बनने की है। अगर भाजपा थोड़े दिन के लिए भी बनाती है तो वे इसके लिए तैयार दिख रहे हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें