मोदी ने डर फैलाया, कांग्रेस के पास है अभय मुद्रा: राहुल गांधी

मोदी ने डर फैलाया, कांग्रेस के पास है अभय मुद्रा: राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सदन में अपने पहले भाषण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर तीखा हमला करते हुये सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में हर वर्ग एवं व्यक्ति को डराते हैं जबकि कांग्रेस का निशान भगवान शिव, इस्लाम, गुरु नानक, महात्मा बुद्ध, महावीर की ‘अभय मुद्रा’ है जो देश में सत्य, अहिंसा और निर्भयता फैला रहा है।

राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा में विपक्ष की अगुवाई करते हुये गांधी ने डेढ़ घंटे से अधिक के भाषण में भारतीय जनता पार्टी पर तीखे प्रहार किये और एजेंसियों के दुरुपयोग, बेरोज़गारी, महंगाई, अग्निवीर, किसान आंदोलन आदि मुद्दों पर सरकार को घेरा और स्वयं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर भी कटाक्ष किये। गांधी के भाषण के दौरान दो बार प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने तीन बार और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक एक बार हस्तक्षेप करना पड़ा। इस दौरान लोकसभा की दर्शक दीर्घा में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी बैठीं थीं।

उन्होंने भगवान शंकर, गुरु नानक देव, महात्मा बुद्ध, महावीर, इस्लाम में इबादत के हाथों की तस्वीरें दिखायीं और भारतीय जनता पार्टी पर हिंसा एवं नफरत फैलाने का आरोप लगाया, लेकिन एक बयान से स्वयं गांधी को भी सदन का रोष झेलना पड़ा, जब उन्होंने कहा कि जो खुद को हिन्दू कहते हैं वे हिंसा और नफरत फैला रहे हैं।

गांधी के इस बयान के बाद स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उठ खड़े हुये और उन्होंने कहा कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक एवं नफरत फैलाने वाला कहना ‘गंभीर विषय’ है। सत्ता पक्ष के लोगों ने नियमों का हवाला देते हुये गांधी से कहा कि उन्होंने पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहा है इसलिये उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिये।

सदन में इस पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच कई मिनट तक चले विवाद के बाद में गांधी ने अपने बयान को बदलते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य खुद के हिन्दू होने का दावा करते हैं, लेकिन हिन्दू हिंसक नहीं होता, जबकि ये नफरत फैलाते हैं और हिंसा को बढ़ावा देते हैं।

गांधी ने सदन में भगवान शिव का चित्र सदन में दिखाया, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें टोका तो उन्होंने सवाल किया कि क्या भगवान शिव के चित्र को नहीं दिखाया जा सकता है। भगवान शिव अभय मुद्रा में होते हैं। गुरु नानक जी अभय मुद्रा में होते हैं। भगवान महावीर का अभय मुद्रा वाला चित्र भी दिखाया। उन्होंने कहा कि सब महा पुरुषों ने अहिंसा की बात की, डर मिटाने की बात की और कहा कि डरो मत, डराओ मत। अभय मुद्रा का मतलब है कि डरो नहीं।

इस पर सत्तापक्ष के सदस्य खड़े हो गये और हंगामा करने लगे। गांधी ने कहा,“तीर दिल में जा कर लगा है इसलिए ये चिल्ला रहे हैं।” मोदी ने इस पर हस्तक्षेप किया और कहा कि विपक्ष के नेता ने पूरे हिन्दू समाज पर हिंसक होने का आरोप गंभीर विषय है। गांधी ने स्पष्ट किया कि केवल भाजपा एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही पूरा हिन्दू समाज नहीं है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक नहीं कहा जा सकता है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता हिंसा की बात करते हैं और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को हिंसा को किसी धर्म से जोड़ना गलत है। उन्होंने आपातकाल और दिल्ली में सिख दंगों की भी याद दिलायी और इस पर विपक्ष के नेता से पूरे देश से माफी मांगने की बात कही। उन्होंने कहा सदन में नियमों का पालन होना चाहिए।

गांधी ने कहा की हिन्दू कभी नफरत और हिंसा नहीं करता। और लेकिन भाजपा 24 घंटे हर समय डर फैला रही हैं। और हिंसा व नफरत को बढ़ावा दे रही हैं। गांधी ने अयोध्या का उल्लेख करते हुए कहा कि इस चुनाव में अयोध्या ने भाजपा को एक संदेश दिया है। उन्होंने फैज़ाबाद सीट से निर्वाचित अवधेश पासी से हाथ मिलाते हुए कहा कि अयोध्या के लोगों को भयभीत किया गया। अयोध्या के गरीब नागरिकों के घर दुकानें तोड़ी गयीं और उनको कोई मुआवजा नहीं दिया गया। उद्घाटन कार्यक्रम में गरीब अयोध्या वासियों को पास भी नहीं आने दिया गया और अडानी अंबानी जैसे धनाढ्य लोगों को बुलाया गया था। इसी से चुनाव में अयोध्या ने यह संदेश दिया है।

गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर दावा किया कि उनकी टीम ने दो बार इस बात का सर्वेक्षण कराया था कि क्या वह अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उनके सलाहकारों ने बताया कि अयोध्या में मोदी हार सकते हैं। इसलिये वह वापस वाराणसी गये, जहां किसी तरह से बच के निकले हैं। उन्होंने अयोध्या की जनता को डराया, देश की जनता को डराया।

नेता प्रतिपक्ष ने मोदी पर भी हमला किया और कहा, मोदी का सीधा ‘परमात्मा से कनेक्शन’ है और उन्होंने एक इंटरव्यू में स्वयं को नॉन बॉयोलॉजिकल बताया है।

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