लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से एक और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में आजम खान को सात साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पांच लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। उनके अलावा अन्य तीन दोषियों पांच-पांच 5 साल की सजा दी गई है और दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने 16 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सोमवार यानी 18 मार्च को आजम खान कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। कोर्ट ने पूर्व सीओ सिटी आले हसन खान, पूर्व पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और ठेकेदार बरकत अली को भी दोषी माना है। इनके अलावा, जिबरान खान, फरमान खान और ओमेंद्र चौहान को बरी कर दिया। गौरतलब है कि डूंगरपुर केस से जुड़े एक मामले में 31 जनवरी, 2024 को कोर्ट ने आजम खान को बरी कर दिया था।
आजम खान के खिलाफ 2019 में एक के बाद एक 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें ज्यादातर कोर्ट में विचाराधीन हैं। अब तक कुल पांच मामलों में फैसला आ चुका है। इनमें तीन मामलों में उन्हें सजा हुई, जबकि दो मामलों में बरी हो गए। ध्यान रहे आजम खान 22 अक्टूबर, 2023 से सीतापुर की जेल में बंद हैं। आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई थी। सुरक्षा कारणों के चलते आजम खान को 22 अक्टूबर, 2023 की सुबह रामपुर जिला कारागार से सीतापुर जिला कारागार शिफ्ट किया गया था।