लखनऊ। इस साल कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले छिड़े विवाद का नतीजा यह हुआ है कि कांवड़ के पूरे रास्ते में आंतकवाद रोधी दस्ते यानी एटीएस की तैनाती की गई है और साथ ही सुरक्षा के भारी भरकम इंतजाम किया गया है। पहले इस तरह की सुरक्षा अमरनाथ यात्रा के दौरान देखने को मिलती थी। उसी अंदाज में कांवड़ के रास्ते में एटीएस तैनात किया गया है और पूरे रास्ते की निगरानी ड्रोन के जरिए की जा रही है। शनिवार को लखनऊ से एटीएस के कमांडो बख्तरबंद गाड़ियों से मुजफ्फरनगर पहुंचे। उन्होंने कांवड़ रूट पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
बताया गया है कि स्थानीय खुफिया विभाग भी ड्रोन कैमरे से कांवड़ मार्ग की निगरानी कर रहा है। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि हरिद्वार से करीब पांच करोड़ कांवड़िए जल उठाते हैं। इनमें से करीब ढाई करोड़ कांवड़िए मुजफ्फरनगर होकर जाते हैं। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से कांवड़िए शहर के शिव चौक में परिक्रमा करके आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा सेंसिटिव है, लिहाजा किसी भी हमले की आशंका के चलते कमांडो तैनात किए हैं। इस बीच भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद में 26 जुलाई से दो अगस्त तक स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि इंटेलिजेंस की टीम और सिविल पुलिस ने शनिवार को शिव चौक की सुरक्षा जांच की। इसके बाद दिल्ली देहरादून हाईवे, गंगानगर की पटरी, शामली और बिजनौर को जाने वाले कांवड़ मार्ग पर चेकिंग अभियान चलाया। मुजफ्फरनगर के अलावा बुलंदशहर में शनिवार को कलेक्टर सीपी सिंह और एसएसपी श्लोक ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। दोनों अधिकारियों ने गंगा घाटों का निरीक्षण कर कांवड़ियों से बातचीत की।