Kedarnath Flood: मंजर था साल 2013 जैसा लेकिन इसबार आपदा भी टिक ना पाई…

Kedarnath Flood: मंजर था साल 2013 जैसा लेकिन इसबार आपदा भी टिक ना पाई…

Kedarnath Flood: केदारनाथ घाटी में 31 जुलाई की रात ने 2013 की भयावह यादों को ताजा कर दिया. 31 जुलाई की रात का मंजर बिल्कुल 2013 का जैसा था. (Kedarnath Flood)

भारी बारिश, घुप्प अंधेरा, दरकते पहाड़ और उफनती हुई मंदाकिनी. हालंकि 2013 में SDRF की टीम समय पर नहीं पहुंच पाई, इस कारण लाखों लोगों ने उस त्रासदी में अपनी जान गंवा दी.

2013 में ऊपर फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में लगभग 3 दिन का समय लग गया था. 3 दिन में लगातार हो रही बारिश से पहाड़ दरक रहे थे. मदद पहुंचने तक काफी लोगों की जान जा चुकी थी.

2013 की आपदा से इसबार सबक लिया गया और समय पर बचाव के लिए SDRF की टीम पहुंची और यात्रियों को बचा लिया गया. 2013 की आपदा के बाद हर साल केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए रेस्क्यू प्लॉन बनने लगे.

केदारघाटी के लिए सबसे ज्यादा खतरा 2013 के बाद ही लगता है. इसलिए सबसे ज्यादा प्लान केदारनाथ यात्रा के लिए बनने लगे. 2013 में कोई भी बचाव और राहत सामग्री ना होने के चलते लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी.

31 जुलाई की रात आपदा का कहर

2013 के बाद हर साल यात्रा शुरू होने से पहले ही बचाव सामग्री और प्लॉन तैयार किए जाते है. इस बार 2013 के बाद तैयार किए प्लान की अग्निपरीक्षा थी.

31 जुलाई की रात 8.30 बजे पहली सूचना मिली कि केदारनाथ मंदिर के पास आपदा का खतरा बन रहा है और मंदिर से 6KM पहले बड़ी लिनचौली के आसपास एक श्रद्धालु लापता हो गया है.

केदारनाथ में जब श्रद्धालु के लापता होने की खबर मिली तो लिनचौली में तैनात SDRF के 6 जवानों और 1 पुलिस कांस्टेबल को भीमबली के लिए रवाना कर दिया गया. (Kedarnath Flood)

मंदिर से लौटते वक्त 7 हजार फीट ऊपर लिंचौली पहले पड़ता है. जवान 3 KM आगे बढ़े थे कि भीमबली में बादल फटने की आवाज आई. ऐसा लगा मानों समय फिर से खुद को दोहरा रहा हो.

2013 के जैसे एक बार फिर से पुरी केदारघाटी में इस आपदा में समा जाएगी. लेकिन जवानों की हिम्मत के आगे आपदा टिक नहीं पाई. जवान हिम्मत के साथ हाथ पकड़कर आगे बढ़ते गए. गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग 29 स्थानों पर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है।

केदारनाथ यात्रा आज से फिर शुरू

केदारनाथ धाम की यात्रा आज फिर से शुरू होने जा रही है. लेकिन पैदल नहीं.

श्रद्धालु केवल हेलिकॉप्टर के जरिए भगवान केदार के दर्शन कर पाएंगे. जो टिकट बुक करा चुके है और ऋषिकेष, हरिद्वार और रूद्रप्रयाग में है उन्हें किराएं में 25% छूट मिलेगी.

पैदल रास्ते को सही करने में कम से कम 15 दिन का समय लग जाएगा. तब तक श्रद्धालु पैदल यात्रा नहीं कर सकते. 25 प्रतिशत कम किराये पर हेलिकॉप्टर से केदारनाथ यात्रा शुरू की जाएगी.(Kedarnath Flood)

साथ ही पैदल यात्रा को जल्द शुरू करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हेलिकॉप्टर टिकट में जो छूट दी जाएगी, उसका वहन राज्य सरकार करेगी.

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