मुंबई। उद्धव सेना (UBT) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कथित तौर पर सत्तारूढ़ शिवसेना को फर्जी और ‘चोर मंडली (Chor Mandali)’ (चोरों का गिरोह) करार दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की मांग को लेकर भारी हंगामा हुआ। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि सदन को ‘चोर मंडली’ कहना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह विधायिका का अपमान है। उन्होंने आग्रह किया कि यह किसी एक पार्टी या सदस्य का मामला नहीं है, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की गरिमा पर हमला है, यह एक मिसाल कायम कर सकता है और भविष्य में कोई भी कुछ भी कह कर बच के निकल सकता है।
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक अतुल भातकलकर (Atul Bhatkalkar) ने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस (Notice) पेश किया और इसे ‘बेहद गंभीर मामला’ बताया। स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि वो राउत के बयानों की पूरी तरह से जांच करेंगे और 8 मार्च को इस मामले में फैसला लेंगे और सदन को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया। चारों ओर से घिरे राउत ने अपनी ओर से दावा किया कि उनकी ‘टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया’। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में किसी भी जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, भाजपा विधायक आशीष शेलार (Ashish Shelar), नितेश राणे और अन्य ने राउत की आलोचना की और उनके बयान को महाराष्ट्र के साथ ‘विश्वासघात’ बताया। नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) अजीत पवार (Ajit Pawar) और नेता प्रतिपक्ष (विधान परिषद) अंबादास दानवे (Ambadas Danve) ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी का बयान ‘गलत’ था। दोनों पक्षों के भारी हंगामे के बीच, सदन को कम से कम तीन बार स्थगित किया गया, और अंत में लगभग 1 बजे, इसे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
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इसके तुरंत बाद, सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सदस्यों ने विधानमंडल के बाहर सीढ़ियों पर जोरदार प्रदर्शन किया और राउत के बयानों की निंदा करते हुए नारेबाजी की। राउत फिलहाल ‘शिवगर्जना’ और ‘शिवसंवाद’ पहल के लिए कोल्हापुर में हैं। उन्होंने कथित रूप से यह कहते हुए प्रतिद्वंद्वी गुट पर निशाना साधा कि विधायिका में एक नकली शिवसेना है, यह चोरों का गिरोह है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की शिवसेना जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और उनके बेटे आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) का प्रभाव मिटा रही है, उसका जिक्र करते हुए राउत ने कहा कि अगर उन्हें किसी पद से हटाया भी जाता है तो वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें ऐसे कई पद दिए थे और पार्टी सर्वोच्च है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने यह भी बताया कि कैसे उनकी पार्टी ने मंगलवार को धाराशिव (Osmanabad) में ‘शिवगर्जना’ की शानदार सफलता हासिल की, और अब इसे पूरे महाराष्ट्र में दोहराया जाएगा क्योंकि पार्टी मजबूत हो रही है। (आईएएनएस)