पटना। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में मंगलवार को विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्य उस समय आपस में लगभग भिड़ गए जब अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी (Avadh Bihari Chowdhary) ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के एक घंटे के भीतर ही स्थगित कर दी और माइक्रोफोन तोड़ देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक को फटकार लगाई।
हालांकि, भाजपा विधायक लखेंद्र रौशन ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा कि माइक्रोफोन ‘खराब था और जब उन्होंने इसे ठीक करने की कोशिश की तो वह बाहर आ गया। इसके साथ ही उन्होंने इसके लिए भाकपा(माले)-लिबरेशन के विधायकों पर आरोप लगाया। उनका भाकपा(माले)-लिबरेशन के विधायकों के साथ वाद-विवाद हुआ था। राज्य के मंत्री कुमार सर्वजीत से जब संवाददाताओं ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि विधायक ने एक ब्राह्मण सदस्य के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
सदन में हंगामा उस समय शुरू हुआ जब प्रश्नकाल का 10 मिनट समय शेष था और रौशन एक तारांकित प्रश्न पूछ रहे थे एवं संबंधित मंत्री सरकार का जवाब प्रस्तुत कर रहे थे। इसी दौरान भाकपा(माले)-लिबरेशन विधायक सत्यदेव राम ने भी कुछ बोलने का प्रयास किया। राम की पार्टी राज्य की नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन देती है।
राम ने आरोप लगाया, अध्यक्ष ने एक अन्य सदस्य का नाम पुकारा, तब रौशन ने गुस्से में माइक्रोफोन को तोड़ दिया। मैं केवल अनियंत्रित व्यवहार की ओर इशारा करने के लिए खड़ा हुआ था। उन्होंने मुझे अपशब्द कहे। इसके बाद दोनों पक्षों के सदस्य आसन के करीब आ गए, और फिर मार्शल को बुलाया गया। कुमार सर्वजीत ने आरोप लगाया, आज सभी सीमाओं को तोड़ दिया गया। (भाजपा सदस्यों द्वारा) अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया और उनमें से कुछ आसन के पास खड़े हो गए और अध्यक्ष से आपत्तिजनक लहजे में बात की।
विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया, विपक्ष के प्रति अध्यक्ष का व्यवहार अनुचित रहा है। जब भी विपक्ष ने लोगों के मुद्दों को उठाने का प्रयास किया, उसे बाधित किया गया। हम मूक दर्शक नहीं बने रह सकते। सत्ता पक्ष ने भी गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया। कार्यवाही सुचारू रूप से चले, यह सुनिश्चित करने का दायित्व सत्ता पक्ष पर है। (भाषा)