झारखंड पुलिस को सफलताः 10 लाख के ईनामी अमरजीत का पांच नक्सलियों के साथ सरेंडर

झारखंड पुलिस को सफलताः 10 लाख के ईनामी अमरजीत का पांच नक्सलियों के साथ सरेंडर

रांची। झारखंड में भाकपा माओवादी (CPI Maoist) के कौलेश्वरी जोन (Kauleshwari Zone) के सब-जोनल कमांडर दस लाख के इनामी अमरजीत यादव सहित पांच नक्सलियों ने सोनवार को पुलिस के समक्ष सरेंडर किया।

इन नक्सलियों ने रांची के आईजी जोनल ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों (Naxal) ने आईजी अभियान एवी होमकर, डीआईजी हजारीबाग नरेंद्र सिंह, चतरा एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ के आईजी विधि कुमार विधि के समक्ष सरेंडर किया। सरेंडर किये हुए नक्सलियों में 10 लाख का ईनामी जोनल कमांडर अमरजीत यादव (Amarjeet Yadav) उर्फ टिंगू, पांच लाख का ईनामी सब- जोनल कमांडर सहदेव यादव उर्फ लटन, सब-जोनल कमांडर नीरू यादव उर्फ सलीम, सब – जोनल कमांडर संतोष भुईया उर्फ सुकन और दस्ता सदस्य अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया शामिल है।

सरेंडर करने के दौरान नक्सलियों ने हथियार, कारतूस और वायरलेस भी पुलिस को सौंपा। इनमें दो एके 56, एक एसएलआर, एक इंसास रायफल,चार मार्क दो रायफल, एक यूएस रायफल, एक एयरगन, दो देशी बंदूक, एक पिस्टल, 1855 जिंदा कारतूस, अलग अलग हथियारों का मैगजीन 41, 16 वायरलेस सेट, आईईडी बनाने के पाउडर, पोटाश, मानसिल 25 किलों शामिल हैं।

आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता एवी होमकर ने बताया कि अमरजीत यादव पर चतरा में 41, बिहार के गया में 40 मामले कुल 81 मामले दर्ज है। जबकि सहदेव यादव पर चतरा में 26,हजारीबाग में एक, बिहार के औरंगाबाद में 10, बिहार के गया में 16 कुल 53 मामले दर्ज है। इसके अलावा नीरु यादव पर चतरा में 27, हजारीबाग में एक, बिहार के गया में 19 और बिहार के औरंगाबाद में 13 कुल 60 मामले दर्ज है। इसी प्रकार संतोश भुईंया पर चतरा में 19, बिहार के गया में पांच और औरंगाबाद में तीन कुल 27 एवं अशोक बैगा के खिलाफ चतरा में दो मामले दर्ज है। मौके पर आईजी अभियान एवी होमकर ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है।

इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है और इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के खिलाफ सफलताये भी मिल रही है। वहीं दूसरी ओर भटके नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति नई दिशा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ना है, जो किसी कारणवश नक्सलवाद के गलत रास्ते में भटक गये है। इसी क्रम में पांचों और नक्सलियों ने सरेंडर किया है। (वार्ता)

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