9 अगस्त को नाग पंचमी, साल में एक बार खुलता है उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर

9 अगस्त को नाग पंचमी, साल में एक बार खुलता है उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर

Nag Panchami 2024: महादेव के सावन का पवित्र महीना चल रहा है. सभी भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी अराधना कर रहे है. सावन के माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योंहार आते है. (Nag Panchami 2024)

आज हरियाली तीज मनाई जी रही है. यह व्रत भगवान गौरी-शंकर को समर्पित है. सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं अच्छे पति का कामना के लिए यह व्रत करती है.

मान्यता है कि सावन के महीने में ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए घोर तपस्या की थी और आज के दिन ही महादेव ने पीर्वती जी को पत्नी के रूप में धारण किया था.

नाग पंचमी पर खुलता है नागचंद्रेश्वर मंदिर

उज्जैन स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के तीसरे तल पर नागचंद्रेश्वर महादेव की प्रतिमा स्थापित है. सिर्फ नाग पंचमी पर ही मंदिर की दुर्लभ नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा के दर्शन होते हैं

नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा

महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा 11वीं शताब्दी की मानी जाती है. इस प्रतिमा में फन फैलाए हुए नागदेव के आसन पर शिव जी और देवी पार्वती विराजमान हैं.

आमतौर पर भगवान विष्णु नागशय्या पर विराजित दिखाई देते हैं, लेकिन नागचंद्रेश्वर प्रतिमा में शिव जी नागशय्या पर बैठे हुए हैं. (Nag Panchami 2024) ये एक मात्र ऐसी प्रतिमा मानी जाती है, जिसमें शिव जी नाग शैय्या पर विराजित हैं.

इस मंदिर में शिव जी, मां पार्वती, गणेश जी के साथ ही सप्तमुखी नाग देव की प्रतिमा भी है. साथ में नंदी और सिंह भी विराजित है. शिव जी के गले और भुजाओं में भी नाग लिपटे हुए हैं.

जीवित नाग की न करें पूजा

नाग पंचमी को जीवित नाग की पूजा नहीं करनी चाहिए. इस दिन नाग देव की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए. शिवलिंग पर स्थापित नाग देव का अभिषेक करें.
जीवित नाग को दूध नहीं पिलाना चाहिए. सांपों के लिए दूध जहर की तरह होता है. दूध नाग देव की प्रतिमा पर चढ़ाएं.

इस तिथि पर उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के ऊपरी तल पर नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन करने की परंपरा है. ये मंदिर में साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर ही खुलता है.
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